Hardoi: शासन के आदेश का हरदोई में दुकानदार नहीं कर रहें पालन, ज़िम्मेदार बेख़बर

Hardoi: कई मार्गो से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कांवरियों का जत्था निकलता है। शासन द्वारा का कवाड़ियो के मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर उनके नाम लिखने के आदेश को जारी किया था।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-07-20 17:02 IST

शासन के आदेश का हरदोई में दुकानदार नहीं कर रहे पालन (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जनपद भले ही एससीआर में शामिल हो गया हो लेकिन लखनऊ से 110 किलोमीटर की दूरी होने के बाद भी हरदोई में शासन के आदेश आते-आते काफी समय लग जाता है। 22 जुलाई से सावन की शुरुआत होने वाली है। सावन की शुरुआत में काँवरियो को लेकर सरकार और जिला प्रशासन द्वारा कई निर्देश जारी किए गए लेकिन इन निर्देशों का हरदोई में पालन होता हुआ कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। हरदोई में कहीं कांवड़ मार्ग बदहाल है जिसके चलते शिवालय तक पहुंचाने के लिए काँवरियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

वहीं दुकानों के बाहर नाम लिखने वाले आदेश का भी हरदोई जनपद में पालन होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हरदोई के कई मार्गो से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कांवरियों का जत्था निकलता है। शासन द्वारा का कवाड़ियो के मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर उनके नाम लिखने के आदेश को जारी किया था। शासन के आदेशों का कई स्थानों पर असर भी देखने लगा लेकिन केवल 110 किलोमीटर दूर हरदोई में शासन के आदेशों का अब तक कोई भी असर देखने को नहीं मिला है ना ही जिला प्रशासन इस बाबत कोई कार्यवाही कर रहा है।

कई मार्गों से निकलते है काँवरियें

सरकार की ओर से कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर दुकान स्वामियों के नाम अंकित करने के सख्त निर्देश जारी किया था। हालांकि एक ओर जहां विपक्ष इसे नया नियम बता रहा है वहीं जानकार बताते हैं कि यह नियम काफी पुराना है इस बार केवल नियम को सख्ती से पालन कराने के निर्देश आए हैं। हरदोई के पिहानी चुंगी, नुमाइश चौराहा, जिन्दपीर चौराहा, बिलग्राम चुंगी से होकर सैकड़ो की संख्या में काँवरिया बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के सकाहा, लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ, मल्लावा थाना क्षेत्र के सोनासी नाथ मंदिर जाते हैं।

शासन के आदेशों का अब तक हरदोई में पालन होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। कांवड़ मार्ग को पढ़ने वाली फल विक्रेताओं ने अब तक अपने नाम अंकित नहीं किए हैं जबकि कुछ दुकानों पर भी उनके नाम नहीं लिखे हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी क्या जिला प्रशासन शासन के आदेशों की अनदेखी कर रहा है।

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