Hardoi News: जनपद में बढ़ा कुत्तों का आतंक, सबसे ज़्यादा बच्चे हो रहे शिकार, 20 दिन में इतने आये मामले
Hardoi News: कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। कुत्तों के आतंक से जनपद के लोग परेशान हैं। शहर से लेकर कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक बरकरार है।;
Hardoi News: जनपद में अब तक अन्ना मवेशियों के आतंक से लोग परेशान थे लेकिन अब एक और घुमंतू जानवर ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। अन्ना मवेशियों के खेत में घुस जाने पर सड़कों पर बैठे रहने से हर दिन हादसे होते रहते हैं वहीं सड़क पर घूमने वाले एक और जानवर के लोगों पर हमला करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जनपद में इन दोनों कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। कुत्तों के आतंक से जनपद के लोग परेशान हैं।
शहर से लेकर कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक बरकरार है। इससे पहले भी सड़क पर घूमने वाले हो या पालतू कुत्ते इनके गुस्सैल रवैया का शिकार कई लोग हो चुके हैं। इनमें से कई लोगों की मौत तक हो गई है। हरदोई में भी आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए लगातार लोग जिला प्रशासन से अपील करते आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार इस बाबत को ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रतिदिन लोग सीएचसी पीएससी और मेडिकल कॉलेज में रैबिज के इंजेक्शन लगवाने को लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर बताते हैं कि वैसे तो गर्मियों में कुत्तों का आतंक बढ़ता है लेकिन वर्तमान समय में कुत्तों के बच्चे छूने पर यह आक्रोशित हो जाते हैं और लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है।
प्रतिदिन 30 से 40 लोग हो रहे शिकार
हरदोई जनपद में औसतन 30 से 40 लोग प्रतिदिन कुत्ते के काटने के शिकार हो रहे हैं। यह लोग जनपद के अलग-अलग क्षेत्र से राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेबीज कनेक्शन लगवाने के लिए पहुंचते हैं। कुत्ते के कांटे के मरीज ने बताया कि सीएचसी पीएससी में उनको रेबीज का इंजेक्शन ना होने की बात कह कर लौटा दिया जाता है जिसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज में आकर मरीज़ रेबीज के इंजेक्शन लगवाते हैं। इन दिनों रैबिज का इंजेक्शन लगाने वाले काउंटर पर मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में रैबिज इंजेक्शन की मांग भी बढ़ गई है।
मेडिकल कॉलेज में बीते 20 दिनों में कुत्ते के काटने के 850 नए मामले सामने आए हैं जिनको एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया है। जिम्मेदारों ने बताया कि कुत्ते काटने के यह नए मामले हैं जबकि पुराने मामले इससे अधिक हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शेर सिंह ने बताया कि कुत्ते की लार में मौजूद रेबीज वायरस से हाइड्रोफीबिया हो सकता है। यह एक लाइलाज बीमारी है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। कुत्ते काटे का शिकार व्यक्ति को तत्काल अस्पताल में आकर एंटी रेबीज कनेक्शन लगवा लेना चाहिए। डॉक्टर शेर सिंह ने बताया कि कुत्ते काटे के सबसे अधिक मामले बच्चों के आ रहे हैं।