Hardoi: निशुल्क प्रतीक्षालय न होने से यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें, जिम्मेदारों ने भी फेरा मुँह
Hardoi: रात में कोहरा और सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है। ऐसे में हरदोई रेलवे स्टेशन पर निःशुल्क प्रतीक्षालय ना होने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
Hardoi News: मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाले हरदोई रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नए भवन के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। स्टेशन के नए भवन के निर्माण को लेकर पुराने भवन को तोड़ दिया गया है। ऐसे में पुराने भवन में संचालित हो रहे कार्यालय को अन्य वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किया गया लेकिन जिम्मेदारों द्वारा हरदोई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बने निःशुल्क प्रतीक्षालय को किसी भी स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया गया है।
नए भवन निर्माण के नाम पर रेल यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम रेल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर वर्तमान समय में कोई भी निशुल्क प्रतीक्षालय महिलाएं व पुरुषों के लिए उपलब्ध नहीं है। यदि कोई भी महिला या पुरुष प्रतीक्षालय में बैठकर अपनी ट्रेनों की प्रतीक्षा करना चाहता है तो उसको अपनी जेब ढीली करनी होगी। हरदोई रेलवे स्टेशन पर माल गोदाम स्थिति बनी नई बिल्डिंग में बने प्रतीक्षालय को रेल प्रशासन ने कांट्रेक्ट पर दे रखा है। जबकि पुरानी बिल्डिंग में निशुल्क प्रतीक्षालय महिलाएं व पुरुषों के लिए बने हुए थे यदि अब किसी रेल यात्री को प्रतीक्षालय में बैठना है तो उसे अपनी जेब ढीली जरूर करनी होगी।
प्राइवेट कंपनी के पास है एक प्रतीक्षालय
सर्दियों का आगाज हो चुका है दिन पर दिन तापमान में कमी दर्ज की जा रही है। रात में कोहरा और सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है। ऐसे में हरदोई रेलवे स्टेशन पर निःशुल्क प्रतीक्षालय ना होने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। शीत लहर में यात्रियों को प्लेटफार्म पर खड़े होकर अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।हरदोई रेलवे स्टेशन पर वर्तमान समय में पे एंड यूज प्रतीक्षालय बना है जबकि निशुल्क प्रतीक्षालयों को नए भवन के निर्माण को लेकर तोड़ा जा चुका है।
हरदोई रेलवे स्टेशन के जिम्मेदारों और मंडल के उच्च अधिकारियों ने निशुल्क प्रतीक्षालय को स्टेशन के किसी भी अन्य भवन में स्थानांतरित नहीं किया है। ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या परिवार के संग यात्रा कर रहे रेल यात्रियों को व महिलाओं को उठानी पड़ रही है। सर्द रातों में महिलाएं बच्चे यात्रा करने के लिए टीन शेड के नीचे खड़े होकर अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जबकि ट्रेनों का आलम यह है कि दो से 24 घंटे तक ट्रेन देरी से संचालित हो रही हैं।
रेल यात्रियों ने कहा कि पुराने भवन में संचालित प्रतीक्षालय को तोड़ने के बाद रेल प्रशासन को यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निशुल्क प्रतीक्षालय की सेवा स्टेशन पर प्रदान करनी चाहिए जिससे कि महिलाओं, बुजुर्ग व बच्चों के साथ यात्रा करने वाले रेल यात्रियों को सुविधा का सामना स्टेशन पर ना उठाना पड़े।