Hardoi: नहीं दिख रहा लोकसभा चुनाव का उत्साह, प्रत्याशी से लेकर समर्थक तक नहीं दिखा रहे रुचि

Hardoi: हरदोई में 13 मई को लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में न ही प्रत्याशी और न ही उनके समर्थकों में कोई उत्साह देखने को मिल रहा है।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-04-06 11:10 IST

हरदोई में नहीं दिख रहा लोकसभा चुनाव का उत्साह (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: लोकसभा चुनाव सात चरणों में होना है इसको लेकर लगातार तैयारियां जारी है उत्तर प्रदेश में सातों चरण में मतदान होना है लेकिन अब चुनाव में पहले ऐसी बात कहीं भी देखने को नहीं मिल रही है। चुनाव को लेकर सड़कों से लेकर गली मोहल्ले दुकानों तक पर चर्चा भी नहीं हो रही है। न ही प्रत्याशी और न ही उनके समर्थक गली मोहल्ले सड़कों पर लोगों से जनसंपर्क करते नजर आ रहे हैं। मानो हरदोई में ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे लोकसभा का चुनाव है ही नहीं। हरदोई में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी उषा वर्मा और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जय प्रकाश रावत के बीच मुकाबला है जबकि समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने समर्थन दे रखा है लेकिन इन सबके बीच लोकसभा चुनाव बिल्कुल सन्नाटे में गुजर रहा है।

चुनाव आयोग की सख्ती भी है वजह

हरदोई में 13 मई को लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में न ही प्रत्याशी और न ही उनके समर्थकों में कोई उत्साह देखने को मिल रहा है। एक समय में बड़े-बड़े वाहनों में चुनाव के प्रचार होते नजर आते थे। समर्थक टोलियो में जनसंपर्क करते थे लगता था कि अब चुनाव नजदीक आ गया है लेकिन लोकसभा चुनाव में चुनाव का कहीं भी जोर नजर नहीं आ रहा है। हालांकि जिला प्रशासन लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारी में लगा हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। जिला प्रशासन की तैयारी को देखते हुए तो लगता है कि लोकसभा चुनाव नजदीक है।

प्रतिदिन मतदाता जागरूकता रैली निकाली जा रही है। ज़िला प्रशासन द्वारा शत प्रतिशत मतदान को लेकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है इसी के साथ नए वोटर को उनके वोटर कार्ड भी जिला प्रशासन की ओर से दिए गए हैं। चुनाव में शांति की एक वजह चुनाव आयोग की सख़्ती भी है। चुनाव आयोग द्वारा शराब पोस्टरबाजी बिल्ला स्टीकर पर रोक लगा रखी है। इसी के साथ जिला प्रशासन की अनुमति के बिना वाहनों पर माइक लगाकर प्रचार की अनुमति है बिना अनुमति के प्रचार नहीं किया जा सकता। अब देखने वाली बात यह होगी कि मई की शुरुआत होने के बाद क्या हरदोई में चुनावी सरगर्मियां तेज होती हैं या लोकसभा चुनाव ऐसे ही ठंडे बस्ते में निपट जाएगा।

Tags:    

Similar News