Hardoi News: हादसे के बाद टूटी जिम्मेदारों की नींद, दो डबल डेकर बसें व ओवर लोड ट्रक सीज
Hardoi News: उप संभागीय परिवहन विभाग हरदोई द्वारा डबल डेकर बस को लेकर चलाए गए विशेष अभियान में सांडी में एक स्लीपर बस को सीज किया गया है। इस बस में यात्रियों को बैठने की तैयारी चल रही थी।
Hardoi News: हादसे के बाद एक बार फिर उपसंभागीय परिवहन विभाग की नींद टूटी है और कार्रवाई में जुट गया है। विभाग द्वारा लखनऊ उन्नाव के मध्य हुए भीषण सड़क हादसे में हुई दर्जनों लोगों की मौत के बाद कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। उन्नाव के पास डबल डेकर बस हादसे का शिकार हुई थी जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी। लगातार डबल डेकर बस से होने वाले हादसों की संख्या बढ़ रही है। इसको लेकर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए विभाग को सख्त जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
विभागीय मंत्री से मिले निर्देश पर हरदोई के उप संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों ने अभियान चलाकर डबल डेकर बस के विरुद्ध कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। कार्यवाही के पहले दिन अधिकारियों ने दो डबल डेकर बसों को सीज कर दिया है। उप संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा ओवरलोड ट्रैकों पर भी कार्यवाही की गई है जबकि ई-रिक्शा पर बकाया राजस्व को भी जमा कराया गया है।
दो लाख का वसूला राजस्व
उप संभागीय परिवहन विभाग हरदोई द्वारा डबल डेकर बस को लेकर चलाए गए विशेष अभियान में सांडी में एक स्लीपर बस को सीज किया गया है। इस बस में यात्रियों को बैठने की तैयारी चल रही थी। सड़क किनारे खड़ी बस की अधिकारियों द्वारा की गई जांच में स्लीपर बस का परमिट ऑनलाइन शो नहीं हुआ और ना ही चालक परिचालक इस बस का मैनुअल परमिट अधिकारियों को दिखा पाया। इसके बाद उप संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा स्लीपर बस को सीज कर दिया गया। वहीं पिहानी जहां से दिल्ली के लिए प्रतिदिन कई स्लीपर बसें संचालित होती हैं। यहां पर भी परिवहन विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है।
विभाग के अधिकारी विवेक सिंह ने पिहानी क्षेत्र जहानी खेड़ा मार्ग पर एक स्लीपर बस को सीज कर दिया। इस बस के पास रिजर्व पार्टी का परमिट था लेकिन बस में फुटकर सवारियां बैठाई जा रही थी। उप संभाग के परिवार विभाग के अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि डबल डेकर बसों में ओवरलोड को लेकर लगातार जनपद में अभियान चलेगा और कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों ने मल्लावा में भी जांच अभियान चलाकर ओवरलोड ट्रक सीज कर दिए हैं जबकि जनपद में पंजीकृत ई रिक्शा पर लगभग ₹200000 का टैक्स बताया था जिसे जमा कराया गया है।