Hardoi: रामभक्ति में हरदोई से अयोध्या तक स्केटिंग करते जा रहे दो युवक, बोले- भगवान श्री राम ने बुलाया है
Ramlala Pran Pratishtha: प्रियांशु ने बताया कि, 'लगभग 1 वर्ष से वह स्केटिंग कर रहे हैं। अचानक उन्हें लगा कि भगवान राम का बुलावा आया है तो उन्हें जाना चाहिए। इसीलिए उन्होंने अयोध्या तक स्केटिंग करते हुए सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया'।
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 तारीख को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के कोने-कोने में उत्सव का माहौल है। देशभर में भगवान राम को लेकर आस्था का ज्वार देखने को मिल रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति भी गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है।
अयोध्या में होने वाली भगवान नाम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोग अलग-अलग तरह से अपनी आस्था जाहिर कर रहे हैं। कोई कार से गुजरात से अयोध्या पहुंचा है, तो कोई दौड़ते हुए अयोध्या तक की यात्रा तय कर रहा। इसी कड़ी में हरदोई जिले से लगे सीतापुर से भी लड्डू को लेकर श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिनका भोग लगाया जाएगा। वहीं, गुजरात से विशाल धूपबत्ती भी अयोध्या पहुंच रही है। इन सबके बीच हरदोई शहर के भी दो युवाओं ने भगवान राम को लेकर अपनी आस्था दिखाई है। हरदोई के ये दोनों युवक शुक्रवार (19 जनवरी) को स्केटिंग करते हुए अयोध्या के लिए रवाना हुए।
एक वर्ष से कर रहे स्केटिंग
शहर के रेलवे गंज व बिलग्राम चुंगी के रहने वाले दो युवा आज भगवान राम के जन्म भूमि अयोध्या के लिए स्केटिंग करते हुए रवाना हुए। युवाओं द्वारा भगवान राम के सेवक हनुमान जी के दर्शन कर अपनी यात्रा की शुरुआत की है। स्केटिंग करते हुए जा रहे प्रियांशु पांडे ने बताया कि, 'भगवान राम की होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उनके मन में विचार आया कि वह भगवान राम के दर्शन के लिए अपने हुनर को प्रदर्शित करते हुए दर्शन के लिए जाएं। इसके लिए उनके द्वारा अपने एक अन्य साथी को तैयार किया। दर्शन के लिए निकल चुके हैं। स्केटिंग करते हुए जाने पर उन्होंने कहा कि, भगवान राम उनकी ही नहीं बल्कि देश की आस्था हैं। इस दिन का पूरे भारतवर्ष को बेसब्री से इंतजार था। 22 तारीख को वह दिन आ गया, जब भगवान राम अपने मंदिर में विराजमान होंगे।'
प्रियांशु ने बताया कि, 'लगभग 1 वर्ष से वह स्केटिंग कर रहे हैं। अचानक उन्हें लगा कि भगवान राम का बुलावा आया है तो उन्हें जाना चाहिए। इसीलिए उन्होंने अयोध्या तक स्केटिंग करते हुए सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया'।