Hardoi News: लोको पायलट को मिली डिवाइस, कोहरे में बेहतर होगा ट्रेनों का संचालन

Hardoi News: रेलवे ने अपनी प्रीमियम व मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में एक जीपीएस आधारित डिवाइस लगाई है। इस डिवाइस के चलते लोको पायलट को ट्रेन संचालन में काफी सुविधा हुई है।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-01-04 16:41 IST

डिवाइस की मदद से लोको पायलट कोहरे में कर सकेंगे ट्रेनों का संचालन (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, बिहार, पंजाब, राजस्थान में कोहरे ने कहर मचाया हुआ है। कोहरे के चलते हवाई, रेलवे, सड़क यातायात प्रभावित है। कोहरे के चलते आमजन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस वर्ष रेलवे की आधुनिक डिवाइस ने ट्रेनों पर कोहरे का असर काफी हद तक काम कर दिया है। दरअसल रेलवे ने अपनी प्रीमियम व मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में एक जीपीएस आधारित डिवाइस लगाई है।

इस डिवाइस के चलते लोको पायलट को ट्रेन संचालन में काफी सुविधा हुई है। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष ट्रेन कम लेट संचालित हो रहे हैं जबकि पिछले वर्ष ट्रेनों की लेट लतीफ़ी काफ़ी अधिक थी। लगातार रेल प्रशासन कोहरे में ट्रेनों के संचालन को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहा है। हरदोई से होकर निकलने वाली कई मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में भी जीपीएस आधारित इस डिवाइस को लगाया गया है। जिसका असर यह है की ट्रेन अपने निर्धारित समय से ज्यादा देरी से संचालित नहीं हो रही है।कई ट्रेनें तो कोहरे में भी अपने निर्धारित समय से ही संचालित हो रही हैं।

500 मीटर पहले बता देगी सिंग्नल

रेल प्रशासन द्वारा घने कोहरे से निपटने के लिए ट्रेनों के लोको पायलट को जीपीएस आधारित एक डिवाइस दी है।यह डिवाइस ट्रेन में लगे एक एंटीना से आने वाले सिग्नल की जानकारी लोको पायलट को दे देती है। ऐसे में लोको पायलट अब आने वाले सिग्नल, रेलवे क्रॉसिंग को लेकर अलर्ट हो जाता है। इससे पहले लोको पायलट को रेलवे क्रॉसिंग, सिग्नल की जानकारी कोहरे में नहीं लग पाती थी जिसके चलते ट्रेनों की गति काफी धीमी रहा करती थी। लेकिन अब इस डिवाइस से लोको पायलट को न केवल आने वाले सिग्नल की जानकारी मिलेगी बल्कि रूट पर पढ़ने वाली रेलवे क्रॉसिंग, स्पीड रिस्ट्रिक्शन, समेत कई अन्य जानकारियां उपलब्ध कराएगी। हालांकि यह डिवाइस आने वाले सिग्नल के लाल व हरे होने की जानकारी लोको पायलट को नहीं देगी लेकिन आने वाले सिग्नल से 500 मी पहले ही लोको पायलट को अलर्ट कर देगी जिससे कि लोको पायलट ट्रेन की गति को निर्धारित कर सिग्नल की जांच कर सकता है। रेल प्रशासन द्वारा सभी जोनल रेल कार्यालय में यह डिवाइस दी गई है।

रेल प्रशासन द्वारा 19742 डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। नॉर्दर्न रेलवे को रेल प्रशासन द्वारा 4491 फोग डिवाइस उपलब्ध कराई गई है।यह डिवाइस लोको पायलट अपने साथ लेकर चल सकेगा।इस डिवाइस का वजन 1.5 किलोग्राम है साथ ही यह डिवाइस 160 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में भी कारगर साबित है। इस डिवाइस में चार्जेबल बैटरी का प्रयोग किया गया है एक बार चार्ज करने पर यह डिवाइस 18 घंटे तक कार्य करती है।

लोको पायलट अब इस डिवाइस का प्रयोग कर ट्रेनों को संचालित कर रहे हैं। ऐसे में मुरादाबाद मंडल में चलने वाली ट्रेनों के लेट होने का क्रम अब घट गया है। कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से संचालित हो रही है जबकि कई ट्रेनें काफी कम लेट चल रही है। रेल प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि इस डिवाइस से लोको पायलट को काफी राहत मिलेगी। आने वाले समय में इसे अपडेट भी किया जाएगा। यह डिवाइस आने वाले होम सिग्नल से लेकर सभी प्रकार के सिग्नल की जानकारी लोको पायलट को उपलब्ध कराएगी। लोको पायलट को डिवाइस मिलने के बाद से रेल यात्रियों ने भी राहत के सांस ली है। पिछले वर्ष जहां ट्रेन काफी लेट संचालित हो रही थी वहां इस वर्ष रेल यात्रियों को काफी राहत है।

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