PFI पर उलझी सरकार: 10 महीने में भी नहीं लगा प्रतिबंध, आखिर क्यों?

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने शनिवार को कहा कि हाथरस कांड का सच सामने आना चाहिए और दोषी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन सरकार की नीयत साफ रहनी चाहिए।

Update:2020-10-10 18:58 IST

अखिलेश तिवारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हाथरस कांड में पीएफआई की भूमिका बताए जाने पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बडा पलटवार किया है। उन्होंने सवाल किया कि जब पीएफआई पर बैन लगाने के लिए दस महीने पहले ही योगी सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार से अनुरोध किया था तो अब तक बैन क्यों नहीं लगाया गया? पीएफआई को भाजपा की सरकार में कौन बचा रहा है?

हाथरस कांड में सामने आई पीएफआई की भूमिका

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हाथरस कांड का सच सामने आना चाहिए और दोषी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मामले की जांच करने से कोई नहीं रोक रहा है लेकिन सरकार की नीयत साफ रहनी चाहिए। जहां तक पीएफआई का सवाल है। सरकार ने हाथरस कांड में चार लोगों को पकडा और पीएफआई से संबंधित बताया है।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने योगी सरकार से किया सवाल

सरकार की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि पीएफआई ने सरकार विरोधी कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दिया है। पीएफआई के लोगों ने सरकार के खिलाफ साजिश की है। तो बडा सवाल यह है कि आखिर जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दस महीने पहले जनवरी में ही पीएफआई पर बैन लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था।

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PFI पर क्यों नहीं लगा अब तक प्रतिबन्ध?

प्रदेश सरकार ने अपना प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा और बैन लगाने की मांग की है। तो आखिर इतने दिनों में पीएफआई पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सका? केंद्र में और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है। दोनों जगह पर भाजपा की सरकार होने से कोई अडंगा लगना भी संभव नहीं है। ऐसे में सरकार बताए कि कौन सी शक्तियां हैं अथवा कौन लोग हैं जो पीएफआई को बचा रहे हैं?उस पर प्रतिबंध लगाने से कौन रोक रहा है?

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रोक लगाने से कौन बचा रहा PFI को?

उन्होंने कहा कि जो लोग इसके दोषी हों, यूपी सरकार उन पर भी कार्रवाई करे। क्या सरकार की मंशा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की नहीं है अथवा वह प्रक्रिया का पालन ठीक से नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार जानबूझकर पीएफआई को प्रतिबंधित नहीं कर रही है तो यही माना जाएगा कि अपनी असफलाताओं को छुपाने के लिए पीएफआई का नाम उछाला जा रहा है।

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यह सवाल तो पूछा जाएगा कि कौन इन्हें बढावा दे रहा है। मध्यप्रदेश से फंडिंग हुई जिसमें भाजपा के नेता पकडे गए। हकीकत यह है कि भाजपा की सरकारें अपनी नाकामी को छुपाने के लिए दोषारोपण करती हैं। कांग्रेस चाहती है कि निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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