हाथरस कांड: राजनीति चमकाने के लिए इस विधायक न डाल दी कई जिंदगियां खतरे में!
उनका पहला ट्वीट 29 सितम्बर की दोपहर दो बजकर 29 मिनट का है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनको हल्का बुखार हुआ जिसके बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने लिखा कि वो घर पर ही आइसोलेट रहेंगे।
नई दिल्ली: हाथरस काण्ड को यूपी से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा गर्म है। कांग्रेस, सपा, बसपा, आरएलडी और आम आदमी पार्टी सभी दल यूपी के हाथरस जिले में हुई गैंगरेप की वारदात को लेकर सड़कों पर उतर चुके हैं।
वे यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। पीड़िता के परिवार से हमदर्दी जताने के लिए राजनेताओं का उसके गांव में पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।
कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी के पीड़िता के परिवार से मिलने के बाद मुलाकात का सिलसिला और भी तेज हो गया है। सपा नेता धर्मेन्द्र यादव, आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने भी पीड़िता के परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने की कोशिश की है।
आम आदमी के विधायक ने कई लोगों की जिंदगियां खतरे में डाली!
वहीं दिल्ली की कोंडली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने भी हाथरस में जाकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी।
अब उनकी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। दरअसल, उनके दो ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें उन्होंने खुद बताया है कि वो कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
इसके बाद उनका दूसरा ट्वीट है जिसमें वो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंचे हैं।अगर दोनों ट्वीट पर अगर हम नजर डाले तो बड़ी गलती सामने आई है।
उनका पहला ट्वीट 29 सितम्बर की दोपहर दो बजकर 29 मिनट का है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनको हल्का बुखार हुआ जिसके बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने लिखा कि वो घर पर ही आइसोलेट रहेंगे।
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जबकि अपने दूसरे ट्वीट में, जो 4 अक्टूबर का है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के गांव उनके परिजनों से मिलने गए हैं।
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विधायक की लापरवाही पर उठे अनगिनत सवाल
ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर विधायक कोरोना से संक्रमित थे तो फिर वो परिजनों से मिलने क्यों पहुंचे थे। क्योंकि पॉजिटिव आने के बाद 15 दिन तक क्वारंटीन होना होता है।
उसके बाद टेस्ट कराना होता है अगर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है तभी आप बाहर निकल सकते हैं। तो क्या ये माना जाये कि वे वहां पर राजनीति चमकाने के लिए पहुंचे थे?
क्या उन्होंने ये बात हाथरस में पीड़िता के परिवार को बताई थी कि वे कोरोना पाजिटिव हैं और उनसे मिलने के लिए आ रहे हैं।
क्या उन्होंने ऐसा करके हाथरस में कई लोगों की जिंदगियां खतरे में नहीं डाल दी है। क्या ये किसी बड़े अपराध से कम है। इन तमाम सवालों का अब उन्हें जवाब देना ही होगा।
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