Hathras Stampede Case: हाथरस घटना में गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में किए बड़े खुलासे, न्यायिक आयोग ने की अहम बैठक

Hathras Stampede Case: सिकंदरा राऊ में सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि (भोले बाबा) के सत्संग के दौरान भगदड़ होने से 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को विस्तृत जानकारी साझा की है।

Update:2024-07-04 22:51 IST

आईजी शलभ माथुर। Photo- Social Media


Hathras Stampede Case: मंगलवार को हाथरस के सिकंदरा राऊ में सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि (भोले बाबा) के सत्संग के दौरान भगदड़ होने से 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को विस्तृत जानकारी साझा की है। इस दौरान पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। वहीं, हादसे को लेकर आज लखनऊ में न्यायिक आयोग की एक अहम बैठक हुई। जिसमें न्यायिक आयोग के तीनों सदस्य मौजूद रहे। न्यायिक आयोग जल्द ही हाथरस में घटनास्थल का निरीक्षण करने जाएगा और दो महीने के अंदर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके साथ ही इससे जुड़े कई तथ्यों पर गहन चर्चा की गई।

पुलिस के मुताबिक इस घटना में कुल 121 लोगों ने जान गंवाई है। जिसमें कुल 112 महिलाएं, 2 पुरुष, 6 बच्चे व एक छोटी बच्ची शामिल है। मृतकों में जनपद हाथरस के 19, बदाँयू के 6, ललितपुर के 1 कासगंज के 10, अलीगढ के 17, शाहजहाँपुर के 5, आगरा के 18, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, लखीमपुर, उन्नाव, गाजियाबाद, ग्वालियर, मुरैना, पलवल, फरीदाबाद, डींग के एक-एक व एटा के 10, मथुरा के 11, औरेया के 2, बुलन्दशहर के 5, पीलीभीत के 2, सम्भल के 2 लोग शामिल हैं। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हादसे की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य भी शुरू किए गए थे। जो लोग घायल थे उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि मृतकों का ससम्मान पोस्टमार्टम कराकर उनके शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए। साथ ही घटना में मृतकों के परिजनों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है। 

सरकार ने गठित की एसआईटी 

हाथरस घटना में इसी जगह हुई थी घटना। Photo- Social Media


इस मामले की जाँच के लिए राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) (सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय इलाहबाद) की अध्यक्षता में रिटायर्ड IAS हेमंत राव (सदस्य) तथा रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार सिंह की सदस्यता में कमिटी गठित की है। इस घटना के सम्बन्ध में 2 जुलाई को सिकंदरा राऊ थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जिसकी जाँच सीओ सिटी राम प्रवेश राय एवं कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार सिंह कर रहे हैं। साथ ही सेवादारों और पदाधिकारियों की भूमिका की जाँच के लिए जोन स्तर से भी एसओजी का गठन किया गया है। फ़िलहाल मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

अपर पुलिस महानिदेशक आगरा करेंगे एसओजी का निर्देशन

जानकारी के अनुसार एसओजी टीम सीधे अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन के निर्देशन में कार्य करेगी। साथ ही रेंज लेवल पर सभी जनपदों की एसओजी टीमों का पुलिस अधीक्षक हाथरस सहयोग करेंगे। वहीं, फॉरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।

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ये आरोपी हुए गिरफ्तार

हाथरस में हुई भगदड़ की घटना में अभी तक कुल 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें राम लडैते पुत्र रहबारी सिंह यादव निवासी भानपुरा थाना कुरावली जनपद मैनपुरी उम्र 50 वर्ष, उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी बाईपास एटा रोड थाना शिकोहाबाद जनपद फिरोजाबाद उम्र 62 वर्ष, मेघसिंह पुत्र स्व० हुकुम सिंह निवासी मौ० दमदपुरा कस्बा व थाना सि०राऊ जनपद हाथरस उम्र 61 वर्ष, मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार निवासी कचौरा थाना सि०राऊ जनपद हाथरस उम्र 30 वर्ष, मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह प्रेमी निवासी न्यू कॉलोनी दमदपुरा कस्बा व थाना सि०राऊ जनपद हाथरस उम्र 38 वर्ष मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव निवासी कचौरा थाना सिकंदरा राऊ जनपद हाथरस उम्र 40 वर्ष शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह लोग आयोजन समिति के सदस्य हैं और सेवादार के रुप में कार्य करते हैं। आयोजक एवं हमारे द्वारा सत्संग कमेटी में भीड़ और चन्दा जुटाने का कार्य किया जाता है। इसके अलावा भी पार्किंग, बिजली समेत अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी भी सेवादारों की ही होती है।

काम करने के लिए दी जाती है वर्दी

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि आयोजन के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार की वर्दी दी जाती है। भीड़ नियन्त्रण एवं सुरक्षा के लिए महिलाओं एव पुरुषो को काले रंग की कमाण्डो जंगल डागरी ड्रेस व एक जैसे दिखने के लिए पिंक ड्रेस भी दी जाती है। पूछताछ में यह जानकारी भी सामने आई है कि बाबा के चरणरज से बहुत सारे संकट दूर हो जाते हैं। पूछताछ में सामने आया कि घटना वाले दिन बाबा की चरणरज के लिये भीड़ गाड़ी के पास आई थी। सेवादारों ने भीड़ को रोका और जैसे ही काफिला आगे निकल गया तो उन्होंने भीड़ को अनियंत्रित छोड़ दिया जिसके बाद यह घटना हो गई। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि सेवादारों और आयोजकों की ओर से मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने से भी मना किया जाता था।

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