हाईकोर्ट ने एलडीए से पूछा, अवैध निर्माण के लिए कौन कौन जिम्मेदार, क्या हुई उनके खिलाफ कार्रवाई
न्यायालय ने एलडीए से पूछा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। क्या अवैध निर्माणों को हटाने के लिए कोई भी वास्तविक और प्रभावी कदम उठाए गए। न्यायालय ने यह भी पूछा कि जिन अधिकारियों के प्रश्रय में अवैध निर्माण हुए, उन पर क्या कार्रवाई की गई।
लखनऊ: हाईकोर्ट ने एलडीए से पूछा है कि शहर में पिछले पंद्रह सालों में हुए अवैध निर्माणों के लिए कौन कौन अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई। सोमवार को न्यायालय के समक्ष हाजिर हुए एलडीए वीसी पीएन सिंह ने कोर्ट को सफाई दी। इस पर न्यायालय ने उनसे अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है।
न्यायालय सख्त
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार ने मोहम्मद तौहीद की याचिका पर दिया। याचिका में एक अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया है। याचिका पर जवाब देते हुए नगर निगम की ओर से पिछली सुनवाई के दौरान कहा गया था कि जहां के अवैध निर्माण की बात याचिका में उठाई गई है, वह कॉलोनी एलडीए ने अब तक निगम को हस्तांतरित नहीं की है।
इस पर न्यायालय ने जब एलडीए का पक्ष जानना चाहा तो उसकी ओर से कोई जवाब ही नहीं दिया जा सका। इस पर न्यायालय ने शहर भर के अवैध निर्माणों की स्थिति की जानकारी मांग ली।
न्यायालय ने एलडीए से पूछा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। क्या अवैध निर्माणों को हटाने के लिए कोई भी वास्तविक और प्रभावी कदम उठाए गए। न्यायालय ने यह भी पूछा कि जिन अधिकारियों के प्रश्रय में अवैध निर्माण हुए, उन पर क्या कार्रवाई की गई। साथ ही वीसी को भी तलब किया।
सोमवार को न्यायालय के आदेश के अनुपाल में हाजिर हुए वीसी ने सफाई दी कि एलडीए की कार्य प्रणाली के तहत अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होती है। इस पर न्यायालय ने उन्हें 30 मई तक अवैध निर्माणों के खिलाफ अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा देने को कहा है।