स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्यकर्मियों की डयूटी के लिए जारी की नई गाइडलाइन
25 मई को जारी नई गाइडलाइन में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मी महिला तथा लो इम्यूनिटी वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अब गैर कोविड क्षेत्र में ड्यूटी करनी होगी। ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी अब कोविड क्षेत्र में नहीं लगाई जाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्भवती व स्तनपाल कराने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मियों और लो इम्यूनिटी वाले चिकित्साकर्मियों को कोरोना के इलाज में नहीं लगाया जायेगा। यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के चिकित्सा कर्मियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइड लाइन में स्वास्थ्यकर्मियों को उच्च व निम्न जोखम एक्सपोजर की दो श्रेणियों में बांट कर, उनकी डयूटी लगाई जायेगी।
गर्भवती व स्तनपाल कराने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मियों की नहीं लगेगी कोरोना के इलाज में डयूटी
बीती 25 मई को जारी नई गाइडलाइन में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मी महिला तथा लो इम्यूनिटी वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अब गैर कोविड क्षेत्र में ड्यूटी करनी होगी। ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी अब कोविड क्षेत्र में नहीं लगाई जाएगी। गाइडलाइन में कहा गया है कि अस्पताल के कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है साथ ही इनफेक्शन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए चिकित्सालय संक्रमण नियंत्रण समिति भी गठित की गई है, लेकिन इसके बावजूद ऐसी सूचनायें हैं कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों के संक्रमित होने की आशंका है। चिकित्सालय संक्रमण नियंत्रण समिति इस प्रोटोकॉल का पालन कराये तथा चिकित्सालय में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट उपलब्ध कराये।
कर्मचारियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग होगी
नई गाइडलाइन में कहा गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना के सामान्य लक्षणों के होने पर उसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। कर्मचारियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग होगी, कोरोना रोगियों का प्रबंधन करने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को चिकित्सीय पर्यवेक्षण में कीमोप्रोफाइलेक्सिस दिया जाएगा। चिकित्साकर्मियों के द्वारा पीपीई के उल्लंघन की त्वरित रिपोर्टिंग तथा फॉलोअप किया जाये। चिकित्सा कर्मी संक्रमण से बचने के लिए निरोधात्मक उपाय जैसे हाथों को धोना या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग, श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करेंगे। वार्डों, ओपीडी, आईसीयू से निकलने के बाद स्वास्थ्य कर्मी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तथा मास्क लगाएंगे जिससे वह दूसरों को संक्रमित ना कर सकें साथ ही खुद को भी संक्रमित होने से बचा सकें।
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लो इम्यूनिटी वाले स्वास्थ्य कर्मियों की नहीं लगेगी कोरोना के इलाज में डयूटी
गाइडलाइन में कहा गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा पीपीई प्रोटोकॉल उल्लंघन किए जाने पर चिकित्सालय संक्रमण नियंत्रण समिति स्वास्थ्यकर्मियों को दो श्रेणियों में बांटेगी। पहली श्रेणी में उच्च जोखिम एक्स्पोजर वाले कर्मी होंगे तथा दूसरी श्रेणी में निम्न जोखिम एक्सपोजर वाले कर्मी होंगे। उच्च जोखिम एक्स्पोजर वाले कर्मियों में कोरोना रोगियों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाले स्वास्थ्यकर्मी या बिना अनुशंसित पीपीके या पीपीई का संभावित उल्लंघन कर कोविड-19 रोगी के नमूनों की जांच करने वाले प्रयोगशाला कर्मी, समुचित पीपीई का प्रयोग किए बिना एरोसॉल उत्पन्न करने वाली प्रक्रिया संपादित करने वाले कर्मी, बिना मास्क, फेस शील्ड, चश्मे के कोविड-19 के रोगी से 1 मीटर की दूरी के अंदर 15 मिनट से अधिक समय तक संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मी तथा बिना मास्क, फेस शील्ड, चश्मे के दुर्घटनावश शारीरिक सम्पर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं।
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ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा तथा आईसीएमआर के द्वारा निर्गत जांच प्रोटोकॉल के तहत जांच की जाएगी और जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा और अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो 14 दिनों के होम क्वांरेंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद स्वास्थ्य कर्मी वापस कार्य पर लौटेंगे।
दूसरी श्रेणी यानी निम्न जोखिम एक्सपोजर वाले स्वास्थ्यकर्मियों को क्वांरेंटाइन की कोई आवश्यकता नहीं है और वह अपना कार्य करते रहेंगे। बाद में स्वास्थ्य कर्मी में कोविड-19 से संबंधित लक्षण विकसित होने पर प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी जांच की जाएगी और जांच पॉजिटिव आने पर कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा।
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दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है की ऐसे सभी स्वास्थ्य कर्मी जो को भी ड्यूटी पर तैनात हैं, केवल उन्हीं को एक्टिव क्वांरेंटाइन किया जायेगा। 14 दिन बाद उनकी जांच कराई जाएगी और अगर जांच रिपोर्ट में निगेटिव पाए जाते हैं तो उन्हें 2 दिन के लिए होम क्वांरेंटाइन में भेजा जाएगा। इस दौरान वे सभी नियमों का पालन करेंगे और अगर जांच में पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें कोविड अस्पताल में भेजा जाएगा वरना निम्न जोखिम जोखिम एक्स्पोजर वाले स्वास्थ्य कर्मियों को 2 दिन के बाद फिर से नॉन कोविड चिकित्सालय में ड्यूटी पर भेजा जाएगा।