HC: प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी, आदेश पालन न करने पर होंगे तलब

Update: 2017-02-21 14:38 GMT
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इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर को अवमानना नोटिस जारी की है। कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता के जीवन व संपत्ति के अधिकारों के संरक्षण कानून को लागू करने के लिए मुख्य सचिव को छह हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है।

साथ ही कोर्ट ने चेतावनी भी दी है कि यदि कोर्ट आदेश का पालन नहीं किया गया, तो कोर्ट तलब कर अवमानना आरोप तय करेगी। साथ ही यह भी कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो मुख्य सचिव अगली सुनवाई की तिथि पर हाजिर होंगे। ये आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मेसर्स आगरा आर्म्स कार्पोरेशन के मालिक अर्जुन सिंह की याचिका पर दिया है।

एसडीएम के आदेश को चुनौती

याची अधिवक्ता का कहना है कि याची 88 साल का वृद्ध अकेला व्यक्ति है। वह आगरा के शिवपुरी बालकेश्वर रोड पर अपने घर में रहते हैं। याचिका में एसडीएम सदर के 20 मई 2015 के आदेश को चुनौती दी गई है। जिसमें पैतृक आवास से याची को भतीजों द्वारा बेदखल करने पर विवाद सिविल कोर्ट से तय कराने की सलाह दी गई है।

ये कहना है याची का?

याची का कहना है कि मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ़ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 की धारा-22 में जिलाधिकारी को सीनियर सिटीजन के संपत्ति व जीवन अधिकारों की सुरक्षा के अधिकार दिए गए हैं। किन्तु राज्य सरकार ने इस कानून को लागू नहीं किया है।

क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने कहा कि याची सीनियर सिटीजन है। वह इस कानून का संरक्षण पाने का हकदार है। यदि वह सिविल कोर्ट जाएगा तो लंबा समय लगेगा। जब तक कानून लागू नहीं हो जाता, कोर्ट इस कानून के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकता। कोर्ट ने मुख्य सचिव को चार माह में धारा 22 को लागू करने का निर्देश दिया। इस आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

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