HC ने कहा- नहीं मिलेगी आजम खान को हाजिरी माफी, अवमानना में CJM और SSP भी तलब

कोर्ट ने कहा कि बहस तो पूरी सुन ली जाएगी, लेकिन आजम को हाजिर होना हेागा। आदेश का अनुपालन होने तक हाजिरी माफी नही दी जा सकती है। कोर्ट ने आजम की हाजिरी सुनिश्चित न करा पाने पर सीजेएम व एसएसपी को भी तलब कर लिया।

Update:2017-03-06 20:50 IST

लखनऊ: बार बार आदेश के बावजूद हाजिर न होने पर हाईकोर्ट ने सोमवार को कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ कड़ा रूख अपना लिया है। कोर्ट ने उनकी तरफ से दाखिल हाजिरी माफी की अर्जी खारिज कर दी।

यही नहीं, कोर्ट ने आदेश का अनुपालन न करा पाने पर लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और एसएसपी को मंगलवार को तलब कर उनसे पूछा है कि आजम को पेश न करा पाने पर उनके खिलाफ जानबूझकर कोर्ट की अवमानना का केस क्यों न चलाया जाय।

यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस आरएन मिश्रा द्वितीय की बेंच ने दिया।

हस्ताक्षर का मामला

-जल निगम ने 2013 में अपने एक कर्मचारी के बावत ट्रिब्युनल द्वारा पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

-ट्रिब्युनल ने कर्मचारी को इस आधार पर राहत दे दी थी कि उसके खिलाफ पेश आरोप पत्र पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।

-जल निगम के चेयरमैन, एमडी और चीफ इंजीनियर की ओर से दायर सेवा याचिका में ट्रिब्युनल के आदेश को चुनौती दी गई थी।

-साढ़े तीन साल बाद जल निगम की ओर से पूरक शपथपत्र देकर कहा गया कि उक्त कर्मचारी के खिलाफ दिये गये आरोप पत्र पर सक्षम प्राधिकारी के दस्तखत थे।

कोर्ट का कड़ा रुख

-इस पर बेंच ने कड़ा रूख अपनाया और कहा कि यदि ऐसा था तो 2013 में याचिका दायर करते समय वह आधार क्यों नही लिया गया था।

-फिर, कई साल बाद उस आधार को लेने का तात्पर्य है कि निगम ने दस्तावेजों में हेराफेरी की है।

-इसके लिए चेयरमैन, एमडी और चीफ इंजीनियर को जिम्मेदार मानकर कोर्ट ने अदालत में झूठा हलफनामा देने के लिए अवमानना की कार्यवाही चलाने के लिए तीनों को 1 मार्च 2017 को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था।

हाजिर नहीं हुए आजम

-आदेश के अनुपालन में 1 मार्च को जल निगम के एमडी व चीफ इंजीनियर तो हाजिर हो गये परंतु निगम के चेयरमैन आजम खान हाजिर नही हुए।

-इस पर कोर्ट ने बुधवार को आजम के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था और सीजेएम व एसएसपी को वारंट का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

-सोमवार को सुनवाई के दौरान आजम फिर से कोर्ट के सामने हाजिर नही हुए और उनकी ओर से महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह उपस्थित हुए।

-महाधिवक्ता ने दलील दी कि मामला बहुत छोटा है और आजम को हाजिर होने के लिए बाध्य न किया जाय और मामले में फाइनल बहस सुन ली जाय।

-इस पर कोर्ट ने कहा कि बहस तो पूरी सुन ली जाएगी, लेकिन आजम को हाजिर होना हेागा। आदेश का अनुपालन होने तक हाजिरी माफी नहीं दी जा सकती।

-इसके बाद कोर्ट ने आजम की हाजिरी सुनिश्चित न करा पाने पर सीजेएम व एसएसपी को भी मंगलवार को तलब कर लिया है।

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