शामली : झिंझाना कोतवाली के यमुना घाट पर पानी में तैरता पत्थर लोगों की आस्था का केन्द्र बन गया है। यमुना नदी में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं ने पत्थर को बाहर निकाला। पत्थर का वजन करीब 60 किलो बताया जा रहा है। यह तैरता हुआ पत्थर लोगों में कौतूहल पैदा कर रहा है। पत्थर को पानी से निकालने के बाद श्रद्धालुओं ने उसे झिंझाना के एक मंदिर में रख दिया है। अब इलाके के लोग उस पत्थर की पूजा-अर्चना में जुटे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले कानपुर और करनाल में भी इस तरह के पत्थर देखने को मिले थे।
नीचे देखिए, जब गंगा में तैरता मिला था पत्थर, भक्त बोले थे- जयश्री राम
क्या है मामला ?
-झिंझाना कोतवाली क्षेत्र का मामला।
-यहां के यमुना घाट पर कुछ कांवड़िए स्नान करने गए।
-ये शिव भक्त उस वक्त अचंभित रह गए जब उन्होंने एक भारी-भरकम पत्थर को पानी में तैरते देखा।
-करीब 60 किलो से भी अधिक वजन का यह पत्थर पानी में आराम से तैर रहा था।
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बना कौतूहल का विषय
-शिव भक्तों ने इस पत्थर के बारे में अन्य लोगों को बताया।
-इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे यमुना से बाहर निकाला।
-पत्थर को निकालने के बाद उसे एक मंदिर में ले जाया गया।
-मंदिर परिसर में उसे पानी में रखा गया है।
-तैरने वाला पत्थर झिंझाना क्षेत्र की जनता के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
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क्या कहते हैं साइंटिस्ट
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के भू-गर्भ वैज्ञानिक डॉ. अक्षय राजन चौधरी का कहना है कि पहाड़ों पर जहां लावा होता है। वहां पर सॉफ्ट पत्थर पाए जाते हैं। ऐसे में आर्किमडीज के सिद्धांत के अनुसार पत्थर का तैरना अजूबा नहीं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आसपास के पहाड़ी इलाकों में लावा भी नहीं है।