गर्मी में सैकड़ों हैंडपंपों के हलक सूखे, ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार
कई देशों में तेजी से फैल रहे नोवेल कोरोना वायरस की देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। अप्रैल में गर्मी बढ़ रही है, ऐस में पानी की दिक्कत भी बढ़ सकती है। कारण, ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों हैंडपंप खराब हैं।
अजय मिश्रा
कन्नौज। कई देशों में तेजी से फैल रहे नोवेल कोरोना वायरस की देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। अप्रैल में गर्मी बढ़ रही है, ऐस में पानी की दिक्कत भी बढ़ सकती है। कारण, ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों हैंडपंप खराब हैं। कहने के बाद भी कई जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे पांच एडीओ पंचायत को डीपीआरओ ने नोटिस थमाया है। समस्या का जल्द समाधान न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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यूपी के कन्नौज जनपद के ग्रामीण इलाकों में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप ही गर्मी के दिनों में पीने के पानी का सहारा होते हैं। सैकड़ों की तादात में अब भी हैंडपंप खराब हैं। इनमें रिबोर व मरम्मत दोनों की ही समस्या है।
डीपीआरओ जेके मिश्र ने प्रभारी एडीओ पंचायत जलालाबाद राजेंद्र सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि ब्लॉक क्षेत्र में 706 हैंडपंप रिबोर होने थे, जिसके सापेक्ष 401 रिबोर करा दिए गए। 305 हैंडपंप अब भी रिबोर होने हैं। साथ ही 103 हैंडपंपों की मरम्मत होनी थी, जिसके सापेक्ष 98 हो गए। पांच अब भी बचे हैं।
हसेरन में भी संख्या कम नहीं
डीपीआरओ ने प्रभारी एडीओ पंचायत हसेरन संजीव शर्मा से कहा है कि ब्लॉक क्षेत्र में 279 हैंडपंप रिबोर होने थे, जिसमें 77 ही हुए हैं। 202 हैंडपंप रिबोर होने हैं। यहां 414 हैंडपंप मरम्मत योग्य हैं, जिसमें 282 ही कराए गए हैं, अब भी 132 हैंडपंपों की मरम्मत होनी है।
गुगरापुर इलाके में 17 मरम्मत योग्य
एडीओ पंचायत गुगरापुर कमलाकांत मिश्र के पास जिम्मेदारी थी कि वह ब्लॉक क्षेत्र के 109 रिबोर कराएं, लेकिन 70 ही हैंडपंप रिबोर कराए। 39 रिबोर होने बचे हैं। मरम्मत के लिए 764 हैंडपंप के सापेक्ष 747 हैंडपंप सही हो गए। अब सिर्फ 17 बचे हैं।
उमर्दा में एक भी रिबोर नहीं हुआ
एडीओ पंचायत उमर्दा गंगाराम से कहा गया है कि ब्लॉक की रिपोर्ट में 183 हैंडपंप रिबोर होने थे, लेकिन एक भी नहीं कराया गया। दूसरी ओर 177 हैंडपंप मरम्मत किए जाने थे, जिसमें 89 हुए, लेकिन 28 अब भी बाकी हैं।
छिबरामऊ में 415 हैंडपंप रिबोर होने
छिबरामऊ में हैंडपंपों को रिबोर करने की प्रगति सबसे खराब है। प्रभारी एडीओ पंचायत छिबरामऊ मृदुल दुबे को भेजे पत्र में डीपीआरओ ने कहा है कि 480 हैंडपंप के सापेक्ष 65 ही रिबोर हुए हैं। 415 रिबोर होने बचे हैं। मरम्मत के लिए भी 576 हैंडपंप के मुकाबले 245 सही कराए गए हैं। 331 हैंडपंपों की मरम्मत होनी बची है।
क्या बोले डीपीआरओ
डीपीआरओ जेके मिश्र का कहना है कि गर्मी को देखते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लगे सभी हैंडपंपों की कमियां जल्द दूर करा दी जाएं। जो भी लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।