चिकित्सा संस्थानों पर पड़ रहा GST का असर, इन वजहों से दवाई आपूर्ति में आई कमी
एक जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया है। इसका सीधा असर चिकित्सा संस्थानों पर पड़ रहा है। नए टैक्स स्लैब अलग-अलग होने के कारण दवाईयों की किल्लत हो रही हैं। लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई और केजीएमयू में इलाज के लिए आए मरीजों को पूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं।
लखनऊ : एक जुलाई से पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू हो गया है। इसका सीधा असर चिकित्सा संस्थानों पर पड़ रहा है। नए टैक्स स्लैब अलग-अलग होने के कारण दवाईयों की किल्लत हो रही हैं। लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई और केजीएमयू में इलाज के लिए आए मरीजों को पूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं।
दवाओं के स्टॉक कम होने से मरीजों में थोड़ी-थोड़ी दवाएं बांटकर दी जा रही है। दवा स्टोरों में बहुत सी दवाएं खत्म भी हो चुकी है। अस्पतालों में आए मरीज रोजाना इसको लेकर हल्ला मचा रहे हैं।
जीएसटी लागू होने के साथ दवाओं पर नए टैक्स स्लैब होने से खरीद प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई और केजीएमयू में दवाईयां मेडिसिन फार्मा कंपनियों से खरीदी जाती है। दवा खरीदने के लिए संस्थान और कंपनियों के बीच में करार होता है।
टैक्स के अंतर ने उलझाया
पहले दवाओं पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद दवा और सर्जिकल सामानों पर टैक्स की दरें अलग-अलग तय कर दी गईं है। नई प्रक्रिया में 5 से 18 फीसदी कर लग रहा है। वहीं मेडिकल फूड सप्लिमेंट्स पर 28 प्रतिशत टैक्स लग रहा है। दवा सप्लाई करने वाली कंपनियां टैक्स को लेकर परेशान हैं। किस दवा पर कितना टैक्स लगना है इसको लेकर संशय है। इन्ही वजहों के कारण संस्थानों में दवाईयों की सप्लाई कम हो गई है।
जांच की गुणवत्ता हो सकती है प्रभावित
नई व्यवस्था में मरीजों की जांच भी प्रभावित हो सकती है। क्योंकि जांच के लिए जरुरी सप्लीमेंट पूरी तरह से नहीं मिल पा रहे हैं। पीके लैब संचालक डॉ पीके ने बताया कि जीएसटी के बाद से जांचों में इस्तेमाल होने वाले सप्लीमेंट मुश्किल से मिल पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही इसका उपाय नहीं हुआ तो राजधानी में जांचें प्रभावित हो सकती हैं। क्योंकि जरुरी सप्लीमेंट न मिलने पर मरीज की जांच होना संभव नहीं है।
केजीएमयू में सस्ती दवाओं का संकट
केजीएमयू के डेंटल विभाग में मरीजों को सस्ती दवाएं मिलने में भी समस्या आ रही है। यहां पर मरीजों को पूरी दवाईयां नहीं मिल पाती हैं। मरीज परेशान हैं। इस संबंध में सीएमएस डॉ एसएन शंखवार ने बताया कि मरीजों की व्यवस्था को लेकर केजीएमयू प्रशासन तत्पर है। जल्दी ही समस्या दूर की जाएगी।