इंदिरा गांधी ने क्यों कराया था महामृत्युंजय जाप, सत्यपाल मलिक के बयान का निहितार्थ

अपनी बेबाक टिप्पणी को लेकर चर्चित मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान में किसानों की इस आंदोलन के दूरगामी परिणाम को इंगित किया गया है।

Update: 2021-03-15 07:14 GMT
फोटो— सोशल मीडिया

लखनऊ। अपनी बेबाक टिप्पणी को लेकर चर्चित मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान में किसानों की इस आंदोलन के दूरगामी परिणाम को इंगित किया गया है। उन्होंने अपने गृह जनपद बागपत में एक कार्यक्रम को संबोधित करते किसान आंदोलन और सिख समुदाय को जोड़ते हुए अहम टिप्पणी की है। एक तरफ जहां उन्होंने कहा है कि सरकार को किसानों को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए था तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि सिख समुदाय के लोग 300 सालों तक किसी बात को भूलते नहीं। गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध के स्वर सिख बाहुल्य क्षेत्र पंजाब और हरियाणा से ही उठी थी।

बड़ी बात की तरफ इशारा

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं डटे किसानों के बीच खालिस्तान (सिख फॉर जस्टिस) समर्थन नारे और पोस्ट—बैनर भी लहराया गए थे। यह वही संगठन है, जिसका नाम इंदिरा गांधी की हत्या में सामने आया था, इस संगठन का काफी कट्टर इतिहास रहा है। भारत में इस संगठन में बैन लगा चुका है, बावजूद इसके किसान प्रदर्शन के दौरान इस संगठन के पक्ष में खड़े लोगों को देखकर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में इस संगठन के जड़े कितनी गहरे तक अपनी पैठ बना चुकी हैं। ऐसे में राज्यपाल सत्यपाल मलिक का यह बयान कि सिख समुदाय के लोग 300 वर्षों तक कोई बात भूलते नहीं बड़ी बात की तरफ इशारा कर रहा है।

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ब्लू स्टार ऑपरेशन डर गई थीं इंदिरा

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि 'ब्लू स्टार ऑपरेशन' के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था। सत्यपाल मलिक ने कहा कि अरुण नेहरू ने इस बात को मुझे बताते हुए कहा था कि जब उन्होंने इंदिरा गांधी से पूछा कि वह ऐसा क्यों करा रही हैं, क्योंकि वह किसी भी कर्मकांड में यकीन नहीं करती थीं, तो उन्होंने कहा था, तुम नहीं जानते कि उनकी वजह से सिख समुदाय के अकाल तख्त को नुकसान पहुंचा है। वे मुझे छोड़ेंगे नहीं। सााि ही उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए किसान और जवान दोनों का संतुष्ट रहना बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने इस बयान से अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार को बहुत बड़ा इशारा किया है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि किसानों के प्रदर्शन को समाप्त कराने की दिशा में सरकार क्या सार्थक कदम उठाती है।

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