तड़प-तड़प कर मौत: इमरजेंसी सेवा से गायब रहे चिकित्सक

ऐसी स्थिति में जिला चिकित्सालय में लोगों का इलाज कैसे सम्भव हो सकेगा तथा सरकार की मंशा कैसे फलीभूत हो सकेगी, यह एक बड़ा सवाल है। देर शाम जब सीएमएस डाॅ0 एसपी गौतम से सम्पर्क हो सका तो उन्होनें बताया कि वह न्यायालय के काम से लखनऊ आये हुए हैं और अब डाॅ0 मनोज को इमरजेन्सी में लगाया गया है।

Update: 2019-12-05 15:12 GMT

अंबेडकरनगर: जिला चिकित्सालय में बेहतर इलाज की उम्मीद से जाना ही अब बेमानी सा हो गया है। इसे यदि मौत के घर की संज्ञा दी जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति नही होगी। गुरूवार को दोपहर बाद जिला चिकित्सालय की आपातकालीन इकाई में जो कुछ भी हुआ उसने पूरे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को शर्मसार कर दिया है। आपातकालीन इकाई में इलाज के अभाव में घायल तड़प-तड़प कर मर गया लेकिन दो बजे से चार बजे तक कोई भी चिकित्सक मौजूद नही रहा।

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इस दौरान आधा दर्जन अन्य मरीज भी अस्पताल की इमरजेन्सी में तड़फते रहे, वहां मौजूद स्टाफ सीएमएस से सम्पर्क करने में लगा रहा, लेकिन साहब के मोबाइल का तो स्विच ही आफ था। मालीपुर थानान्तर्गत इस्माइलपुरगंज गांव निवासी बलवन्त 27 पुत्र रामसहाय सिसानी गांव के निकट एक स्कूल वाहन की टक्कर से घायल हो गया था। गम्भीर हालत में उसके भाई ने 108 सेवा की मदद से उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन यहां का नजारा तो कुछ और ही था। अपरान्ह दो बजे से डाॅ0 पुष्पेन्द्र की ड्यूटी थी लेकिन वह अस्पताल ही नही पंहुचे।

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लोगों का इलाज कैसे सम्भव हो सकेगा

ऐसे में बड़ा सवाल यह कि घायल का इलाज कौन करे। धरती के भगवान के इंतजार में घायल बलवन्त ने आधे घण्टे बाद दम तोड़ दिया। इमरजेन्सी में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि वे सीएमएस को फोन कर रहे थे लेकिन उनका मोबाइल स्विच आफ था। ऐसी स्थिति में जिला चिकित्सालय में लोगों का इलाज कैसे सम्भव हो सकेगा तथा सरकार की मंशा कैसे फलीभूत हो सकेगी, यह एक बड़ा सवाल है। देर शाम जब सीएमएस डाॅ0 एसपी गौतम से सम्पर्क हो सका तो उन्होनें बताया कि वह न्यायालय के काम से लखनऊ आये हुए हैं और अब डाॅ0 मनोज को इमरजेन्सी में लगाया गया है।

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