दो माह में मुआवजे के भुगतान का निर्देश

पंचाट कार्यवाही में याची भी शामिल हुआ। याची ने अधिगृहीत जमीन मूल स्वामी से बैनामा ले लिया था। जब 16 मई17 को अवार्ड जारी हुआ तो उसमें याची का भी नाम शामिल था। किंतु उसे मूल स्वामी न होने के नाते मुआवजे का भुगतान नही किया गया।

Update: 2019-07-23 15:41 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अधिगृहीत जमीन के खरीदार याची को दो माह में मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अवार्ड लेने मूल भू स्वामी नहीं आया और अवार्ड में जमीन खरीदने वाले याची का नाम शामिल है।

ऐसे में उसे मुआवजा पाने का हक है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने नूरपुर गांव, गाजियाबाद के निवासी जय भगवान की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पक्ष में 17 फरवरी 17 को भूमि अधिगृहीत की गई।

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पंचाट कार्यवाही में याची भी शामिल हुआ। याची ने अधिगृहीत जमीन मूल स्वामी से बैनामा ले लिया था। जब 16 मई17 को अवार्ड जारी हुआ तो उसमें याची का भी नाम शामिल था। किंतु उसे मूल स्वामी न होने के नाते मुआवजे का भुगतान नही किया गया।

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फलस्वरूप किसी ने उस जमीन का मुआवजा नहीं लिया। कोर्ट ने याची को जमीन का मालिक होने के नाते मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

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