अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: योगी सरकार महिलाओं के विकास के लिए कर रही है ये काम
योगी सरकार के पहले बजट में महिलाओं के विकास की चिंता और उनके लिए शुरू हुई कई योजनाओं से आशा की नई किरण जगी है। 'महिला विकास एवं मातृत्व लाभ कार्यक्रम' तथा 'शबरी संकल्प अभियान' के लिए व्यवस्था की गयी है।
लखनऊ: प्रदेश के विकास में युवाओं और महिलाओं का बड़ा योगदान रहता है। आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम कर रही हैं। राजनीति से लेकर खेल तक में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा व योग्यता का परिचय दिया है। लेकिन अभी भी एक बड़ी आबादी अपने अधिकारों से वंचित है।
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योगी सरकार के पहले बजट में महिलाओं के विकास की चिंता और उनके लिए शुरू हुई कई योजनाओं से आशा की नई किरण जगी है। 'महिला विकास एवं मातृत्व लाभ कार्यक्रम' तथा 'शबरी संकल्प अभियान' के लिए व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के सभी विकास खण्डों में ग्रामीण स्तर पर महिलाओं और बच्चों के उत्थान और सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए महिलाओं और बाल विकास अधिकार मंच की स्थापना की गयी हैं।
इन शहरों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है
इस येाजना के तहत केजीएमयू, राममनोहर लोहिया अस्पताल तथा मेरठ, अलीगढ़ गोरखपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, झांसी एवं आगरा में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। जिसके तहत गरीब महिलाओं एवं बच्चों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा। यही नहीं, लक्ष्मीबाई महिला तथा बाल सम्मान कोष से सहायता उपलब्ध कराया जाना है। इसके अलावा योगी सरकार पहली बार सभी लड़कियों को ग्रेजुएट स्तर तक निशुल्क पढ़ाई कराने जा रही है।
उत्पीड़न पर कठोर कार्यवाही योजनाओं पर योगी सरकार काम कर रही है
प्रदेश में महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, एसिड अटैक पीड़ित सहायता, आपकी सखी-आशा ज्योति केन्द्र, महिला हेल्पलाइन 181, विधवा पेंशन, वृद्वावस्था पेंशन, विवाह पंजीकरण, कन्या भू्रण हत्या-मुखबिर योजना, एण्टी रोमियो स्क्वाड, बेटी बचाओ बेटी-बढ़ाओ खूब पढ़ो खूब बढ़ो, गरीब कन्याओं की शिक्षा के लिए सहायता,स्वाधार योजना, महिला एवं बाल अधिकार मंच की स्थापना, निराश्रित विधवा महिला से पुर्नविवाह पर पुरस्कार एवं कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न पर कठोर कार्यवाही योजनाओं पर योगी सरकार काम कर रही है।
स्नातक स्तर महिलाओं की शिक्षा के लिए योगी सरकार ने बजट में 21,12 करोड़ की व्यवस्था की है
स्नातक स्तर महिलाओं की शिक्षा के लिए योगी सरकार ने बजट में 21,12 करोड़ की व्यवस्था की है। इसके अलावा पहल बार यूपी बोर्ड में सर्वोच्च अंक पाने वाली छात्राओं को स्नाकोत्तर तक शिक्षा दिलाए जाने के लिए छात्रवृत्ति की पहल एक अच्छा कदम है। अहिल्याबाई कन्या निशुल्क शिक्षा योजना में बालिका को निशुल्क शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था है। वहीं दीनदयाल उपाध्याय विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत हाईस्कूल पास तथा टापर विद्यार्थियों के लिए आधार कार्ड लिंक खाते में प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाने की व्यवस्था है।
बड़ी संख्या में छात्रों को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा सकेगा
राज्य सरकार का मानना है कि 26 नये आईटीआई शुरू होने से छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए इन संस्थानों में प्रवेश का मौका मिलेगा। प्रदेश में कुल 606 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनके मुकाबले पॉलिटेक्निक कॉलेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या काफी कम है। प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज पर पांच पॉलिटेक्निक और प्रत्येक पॉलिटेक्निक पर पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिए। इस प्रकार प्रदेश में कम से कम 15 हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिए। प्रथम स्तर पर तहसील स्तर पर एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए और उसके बाद प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी एक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में छात्रों को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया आदि जो प्रयास शुरु किए गए हैं, प्रदेश सरकार उन्हें साकार कर रही है। राज्य सरकार माध्यमिक और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में भी रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों को शामिल करने पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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