मेरठ की सरधना सीट से MLA ठाकुर संगीत सोमः इमेज दबंग, पर जनता के लिए मसीहा

संगीत सोम कहते हैं, राजनीति में खाने-कमाने के लिए तो बिल्कुल नही आया। क्योंकि शुरु मेरी यही सोच रही है कि ना किसी पर अत्याचार करुंगा और ना ही किसी को करने दूंगा।

Update:2020-08-18 18:19 IST
मेरठ की सरधना सीट से MLA ठाकुर संगीत सोमः इमेज दबंग, पर जनता के लिए मसीहा

सुशील कुमार, मेरठ

कहने को मीडिया में भाजपा विधायक ठाकुर संगीत सोम को बाहुबली और दबंग नेता ही कहा जाता हैं लेकिन अपने कामों की वजह से वह उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार हो चुके हैं। क्षेत्र की जनता तो उन्हें अपना मसीहा से कम नहीं मानती है। एक ऐसा मसीहा जो कि सुख-दुःख में हमेशा उनके साथ खड़ा रहता है।

बच्चे बताएंगे लोकप्रियता का ग्राफ

हिंदूवादी नेता की छवि के रुप में चर्चित उत्तर प्रदेश की मेरठ जिले की सरधना विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ठाकुर संगीत सोम वाकई में दबंग विधायक हैं, लेकिन यह दबंगई किसी के उत्पीड़न के लिए नहीं बल्कि सकारात्मक है। क्षेत्र के बच्चों में तो संगीत सोम काफी लोकप्रिय हैं। वजह समाज सेवा के साथ-सथ बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना उनकी विशेष अभिरुचि में शामिल है।

रोजाना चुनाव प्रचार

संगीत सोम संभवतः एक मात्र ऐसे विधायक हैं,जो चुनाव के दिनों में ही नहीं बल्कि रोजाना चुनाव प्रचार करते हैं। इसलिए उन्हें चुनाव के दिनों में दूसरे उम्मीदवारों की तरह अपने चुनाव प्रचार के लिए अधिक दौड़भाग नहीं करनी पड़ती।

अपने क्षेत्र के सभी मोहल्लों का संगीत सोम इतनी बार दौरा कर चुके हैं कि इलाके का बच्चा-बच्चा उनके नाम, शक्ल और काम से अच्छी तरह वाकिफ है।

मंत्री सांसद नहीं करा पाए सोम ने कराया

उनके बारे में क्षेत्र के लोग कहते हैं कि जो काम मंत्री और सांसद नही कर पाए, वे काम हमारे विधायक संगीत सोम ने कराए हैं। विधायक के प्रयासों से ही सरधना से जुड़ने वाले समस्त मार्गो के चौडीकरण का कार्य शुरु हो चुका है।

12 करोड़ की लागत से यह मार्ग बनने के बाद सरधना से मेरठ की दूरी मात्र 20 मिनट में तय की जा सकेगी। जनता के बीच ज्यादा जाने पर आपको अपनी लोकप्रियता होने का खतरा नहीं लगाता।

इस सवाल पर मुस्कारते हुए संगीत सोम कहते हैं,नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। जनता के बीच बार-बार जाने से लोग शक्ल से जानने लगते हैं। लोग सड़क पर रोक लेते हैं, मेरा काम कराइए। ऐसे में बहुत अपनापन महसूस होता है।

चर्चित विधायकों में शुमार

यह संगीत सोम की लोकप्रियता ही है कि उन्हें हाल ही मैं देश के पचास चर्चित एवं लोकप्रिय विधायकों की सूची में शामिल किया गया है। संगीत सोम पिछली बार भी इस सर्वे में टॉप 50 की सूची में शामिल थे।

देश में फेम इंडिया-एशिया पत्रिका ने गत दिनों देश भर के 4123 विधायकों का सर्व कराया था। इसमें प्रदेश में सात विधायक और वेस्ट यूपी के दो विधायकों का नाम शामिल किया गया है।

जिसमें संगीत के अलावा नोएडा से पंकज सिंह शामिल हैं। फेम इंडिया द्वारा देशभर में विधायकों की कार्य प्रणाली, विधायक निधि, विकास कार्य कराने , जनता की समस्याओं का निराकरण कराने और जनता के बीच अन्य मामलों को लेकर चर्चित रहने आदि के बिन्दुओं पर सर्वे कराया था।

शिक्षा इंटर तक

मेरठ जिले के आलमगीर गांव में एक जनवरी 1979 को राजपूत परिवार में जन्मे संगीत सोम के पिता का नाम ठाकुर ओमवीर सिंह है। संगीत सोम ने अपनी इंटर तक की पढ़ाई मुजफ्फरनगर जिले के खतौली स्थित के के जैन इंटर कॉलेज से पूरी की।

संगीत सोम की शादी 23 नवम्बर 2000 को प्रीती सोम से हुई है। इनसे एक पुत्र, एक पुत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता कहे जाने वाले संगीत सोम ने सरधना विधानसभा सीट से 2012 में पहली बार एमएलए का चुनाव जीता।

हिन्दूवादी नेता की छवि

इसके बाद उन्होंने हिंदूवादी नेता की छवि बनाई। कुछ छत्रिय संगठनों ने उन्हें ' महाठाकुरवीर' की उपाधि दी गई। वह 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों में से एक हैं। संगीत सोम के खिलाफ 24 सितंबर 2013 को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

संगीत सोम ने 2007 में बसपा से राजनैतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सन् 2009 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की। वह इन दोनों पार्टियों के बाद सन् 2011 में भाजपा में शामिल हुए।

शिक्षा प्राथमिकता में

इसके बाद 2012 में सरधना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। संगीत सोम दोबारा 2017 में विधायक चुने गए। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोदीपुरम ,मेरठ की प्रबन्ध समिति के सदस्य संगीत सोम बेशक खुद इंटर तक पढ़े हैं। लेकिन क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना उनकी अहम प्राथमिकताओं में शामिल है।

 

संगीत सोम कहते हैं, सरधना और दौराला में डिग्री कॉलेज लिए मैं लगातार कोशिश कर रहा हूं। शासन स्तर पर कालेज का प्रस्ताव रख चुका हूं।

दौराला में कन्या डिग्री के लिए भी मेरे स्तर से प्रयास जारी हैं। जल्दी ही सरधना और दौराला को डिग्री कॉलेज की सौगात मिलेगी, जिससे इलाके के युवाओं का भविष्य सुधरेगा।

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संगीत सोम आज की ही नहीं आने वाले कल को लेकर भी गंभीर दिखते हैं। जैसाकि वह कहते हैं, मैं रोजाना लोंगो से मिलकर क्षेत्र की समस्याओं का डाटा एकत्र करता हूं। फिर उस पर उनकी सलाह लेता हूं कि आगे क्या करना चहिए।

बिजली की समस्या से निजात जल्द

अपने कामों की फेहरिस्त का जिक्र करते हुए संगीत सोम कहते हैं, क्षेत्र के लोंगो को बिजली की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए मेरी बिजली विभाग से बात चल रही है।

इसके लिए बिजली विभाग द्वारा योजना भी तैयार कर ली गई है। वर्तमान समय में जितने भी बिजलीघर है, उनकी क्षमता बढ़वाई जाएगी। जल्दी ही क्षेत्र के लोंगो को २४ घंटे बिजली आपूर्ति का तोहफा दिया जाएगा।

सरधना में बनेगा रेल-बस स्टेशन

इसके अलावा सरधना को जोड़ती हुई जो रेलवे लाइन बिछ रही है उसका एक स्टेशन सरधना में बनवाया जाएगा। क्योंकि सरधना में रलवे स्टशन बनने का क्षेत्र के व्यापारियों को फायदा होगा और स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरधना देश के रेलवे मानचित्र पर आ जाएगा। साथ ही, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरधना से रोडवेज बसों का संचालन शुरु कराने के लिए सरधना में प्रस्तावित रोजवेज बस स्टैंड का कार्य भी शुरु करा दिया है।

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बस स्टैंड बन जाने के बाद यहां से दिल्ली,मेरठ समेत २६ शहरों के लिए बसों का संचालन होगा। इससे नगर के व्यापारियों को बढ़ावा मिलेगा और तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे।

लोगों से फर्क नहीं जनता सबसे बड़ी

आपको मीडिया में दंबग,फायर ब्रांड कहा जाता है। इसको लेकर आप कुछ कहेंगे। इस सवाल पर संगीत सोम बेबाक अंदाज में इतना ही कहते है, अब मुझे कौन क्या क्या कहता है और समझता है इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता है। क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है।

मुझे जो भी सर्टिफिकेट चाहिए वह क्षेत्र की जनता से चाहिए। मेरी कोशिश अपने कामों से क्षेत्र की जनता को संतुष्ट करने की रहती है। इसलिए मेरा सारा ध्यान क्षेत्र के विकास पर रहता है। अब तक बहुत कुछ किया है। लेकिन अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।

खाने कमाने नहीं आया

राजनीति में क्यों आए के सवाल पर संगीत सोम कहते हैं, राजनीति में खाने-कमाने के लिए तो बिल्कुल नही आया। क्योंकि शुरु मेरी यही सोच रही है कि ना किसी पर अत्याचार करुंगा और ना ही किसी को करने दूंगा।

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राजनीति का मतलब मेरे लिए समाज सेवा थी, है और आगे भी हमेशा रहेगी। अगर राजनीति में नही आता तो भी किसी दूसरे तरीके से जनता की सेवा करता। महंगे होते चुनाव प्रचार को संगीत सोम देश के लिए सही नही मानते हैं। बकौल, संगीत सोम इसका समाधान चुनाव आयोग को खोजना ही होगा।

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