Jalaun News: नवरात्रि और रमजान एक साथ, 30 साल बाद ऐसा संयोग

Jalaun News: आस्था और इबादत के इन दिनों को हिन्दू व मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों द्वारा ख़ास महत्व दिया जाता है।

Update: 2023-03-17 12:29 GMT
Chaitra Navratri 2023 and Ramadan 2023 (photo: social media )

Jalaun News: 30 साल बाद ऐसा मौका है, जब आस्था के दो पर्व एक साथ शुरू हो रहे हैं। जहां एक तरफ नवरात्रि शुरू होगी वहीं इसी के साथ रमजान का मुबारक महीना भी शुरू होगा। आस्था और इबादत के इन दिनों को हिन्दू व मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों द्वारा ख़ास महत्व दिया जाता है। इस बारे में लोगों का कहना है कि वह दोनों मिलजुल कर त्योहार को मनाएंगे। आपसी प्यार, सदभाव और सौहार्द की मिसाल कायम करेंगे। इसके अलावा गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश देंगे।

पांच दिन रह गए शेष

नवरात्र ओर रमजान को केवल पांच दिन शेष रह गए हैं। इस बार खास बात यह है कि महिला व पुरुष श्रद्धालुओं को पूरे नौ दिनों तक व्रत पूजा आदि करने का मौका मिलेगा। यानी पूरे नौ दिन नवरात्रि की तिथि रहेगी। कलश स्थापना का समय सुबह 8.45 से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। भक्तों को पूरे नौ दिनों तक मां के विभिन्न स्वरुपों की पूजा-अर्चना अपने-अपने तरीके से करने का अवसर मिलेगा। शहर के हुल्की माता मंदिर के पुजारी ने बताया कि तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। दूसरी ओर जिले की हर मस्जिद में इबादत के साथ-साथ शाम के समय तरावी भी पढ़ाई जाएगी।

पिछली बार अष्टमी व नवमी थी एक साथ

पिछले साल शारदीय नवरात्र में अष्टमी व नवमी एक साथ पड़ी थी। इस वजह से भक्त आठ दिनो तक ही देवी मां की पूजा-अर्चना कर पाए थे। लेकिन इस बार चैत्र नवरात्र की पूरे नौ दिनों तक धूम रहेगी। इस दौरान श्रद्धालु मां के हर एक स्वरुप की विधि विधान से आराधना कर सकेंगे।

मस्जिदों में होगी इबादत

जालौन के हाफिज अजीज बरकाती ने कहा कि नवदुर्गा व रमजान एक साथ होना हमको इशारा दे रहा है कि हर त्योहार मिलजुलकर मनाना चाहिए। जिले में हिंदू मुस्लिम कौमी एकता रही है और आगे भी रहेगी। रमजान की तैयारियां मस्जिदों में होने लगी हैं। शहर काजी हाफिज शकील बेग रहमानी ने बताया कि करीब 30 साल बाद ऐसा अवसर आ रहा है, जिसमें नवदुर्गा व रमजान एक साथ होंगे। एक तरफ मंदिरों में पूजा-अर्चना होगी, तो दूसरी तरफ मस्जिदों में इबादत होगी। हम सबको चाहिए कि मिलजुल कर ऊपर वाले की इबादत की जाए ताकि मुल्क में अमन चैन कायम रहे।

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