Jalaun: BKU नेताओं का कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, बोले- सरकार न करे प्रतिशोध की कार्रवाई
Jalaun News: प्रद्रशनकारियों ने कहा, 'किसान के संघर्ष को राष्ट्र विरोधी, विदेशी और आतंकवादी वित्त पोषित बताया गया है। जिसे संयुक्त किसान मोर्चा पुरजोर खंडन करता है।'
Jalaun Farmers Protest News: संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के नेता की गिरफ्तारी और उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सोमवार (11 दिसंबर) को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने किसानों पर हो रहे उत्पीड़न रोकने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
आपको बता दें, जालौन में भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन और जिलाध्यक्ष डॉ. द्विजेन्द्र सिंह निरंजन के नेतृत्व में दर्जनों किसान उरई कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान नेताओं ने सरकार को याद दिलाई शर्तें
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि, 'किसानों ने कृषि बिल (Farm Bills) सहित अन्य कॉर्पोरेट समर्थक फॉर्म अधिनियमों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने तक संघर्ष किया था। इस दौरान किसानों पर सरकार ने मुकदमे दर्ज किए थे। केंद्र सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा 9 दिसंबर, 2021 को लिखित पत्र के आधार पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ एक समझौता किया था। जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा राज्य की सरकार ने किसान संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को तुरंत वापस लेने के लिए पूरी तरह सहमत हो गई थी।'युद्धवीर सिंह को कोलंबिया जाने से पहले किया गिरफ्तार
गृह मंत्रालय से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के खिलाफ 86 मामले वापस लेने का प्रस्ताव आया है। मंत्रालय ने ऐसा करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने रेल सुरक्षा बल द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने के निर्देश दिया। मगर, 2 वर्षों के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के महासचिव युद्धवीर सिंह को 29 नवंबर 23 को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह दावा करते हुए गिरफ्तार किया कि, वह किसान संघर्ष के दौरान किये गए प्रदर्शन मामले में आरोपी हैं। इसीलिए उनके अंतरराष्ट्रीय किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोलंबिया जाने वाली उड़ान छूट गई। बाद में किसान आंदोलन के कड़े विरोध के कारण दिल्ली पुलिस को उन्हें रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा।
'केंद्र सरकार प्रतिशोध की कार्रवाई से दूर रहे'
किसानों ने मांग करते हुए कहा कि 2 साल के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद सरकार द्वारा सभी केस वापस लिए गए। मगर, किसान के संघर्ष को राष्ट्र विरोधी, विदेशी और आतंकवादी वित्त पोषित बताया गया है। जिसे संयुक्त किसान मोर्चा पुरजोर खंडन करता है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि केंद्र सरकार को प्रतिशोध की किसी भी कार्रवाई से दूर रहने और संयुक्त किसान मोर्चा के साथ लिखित आश्वासन का उल्लंघन न करने का निर्देश दें, इसके अलावा नौकरशाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया हैं ।'