हत्या और लूट की वारदातों से थर्राया जौनपुर, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

लोकसभा चुनाव के बाद जिले में सक्रिय हुए अपराधियों ने एक सप्ताह के अन्दर हत्या, लूट, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ाते हुए जनपद में ऐसा दहशत कायम किया कि पूरी आवाम ही कांप उठी।

Update: 2019-06-08 12:57 GMT

कपिल देव मौर्य

जौनपुर: लोकसभा चुनाव के बाद जिले में सक्रिय हुए अपराधियों ने एक सप्ताह के अन्दर हत्या, लूट, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ाते हुए जनपद में ऐसा दहशत कायम किया कि पूरी आवाम ही कांप उठी। साथ ही जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

पुलिस बाद में नामजद कुछ मामलों में भले ही हत्यारों को पकड़ कर जेल की सलाखो के पीछे डालने में कामयाबी हासिल कर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन सच ता यह है कि पुलिस आज भी अज्ञात मामलों का खुलासा करने में सफल नहीं हो सकी है।

जबकि जिले में बढ़ते अपराधिक घटनाओं को लेकर सपा एवं उसके नेतागण आन्दोलन की चेतावनी तक दे डाले है लेकिन इसका भी पुलिस की सेहत पर कोई असर नहीं दिखा है।

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यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद 30 मई 2019 को मुख्यालय से 15 किमी दूर थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम सुल्तानपुर में दिन दहाड़े दबंग बदमाशो ने दशरथ चौहान नामक ग्रामीण की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दिया।

इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था तो पुलिस ने घटना के पांच दिन बाद हत्यारो की गिरफ्तारी दिखाकर उन्हे जेल की सलाखो के पीछे डालने का दावा किया है। इसके एक दिन पहले इसी थाना क्षेत्र के भकुरा गांव में शिवकुमार सिंह नामक व्यक्ति ने अपने लाइसेंसी बन्दूक से अपने पुत्र की हत्या कर दिया था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार दिखा कर अपनी वाहवाही लूट लिया है।

इन घटनाओं की आग अभी शान्त नहीं हुई थी कि 31 मई को दिन दहाड़े लगभग 9बजे दिन में नकाबपोश बदमाशों ने सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के अन्दर खानपुर पेट्रोल पम्प के पास शाहगंज मार्ग पर ताबड़ तोड़ गोलियां बरसा कर सपा नेता लालजी यादव की हत्या कर दिया और भागने मे सफल भी रहे।

इस घटना का लेकर सपा के लोग सड़क पर उतरे लेकिन पुलिस अभी तक असली हत्यारों की तलाश नहीं कर सकी है। इस घटना को पुलिस गैंगवार मान रही है। मृतक के उपर 14 अपराधिक मुकदमा दर्ज होना बता रही है। लेकिन दिन दहाड़े गोली का चलना पुलिसिया कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा करता है।

इस मामले मे अज्ञात अपराधियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया तो आज तक पुलिस अपराधियो के गिरेबान तक नहीं पहुंच सकी है। इस घटना के पश्चात सपा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर जौनपुर मृतक के परिजनो से आकर मिले और चेतावनी दिया कि जल्द हत्यारे जेल की सीखचों में कैद नहीं हेए तो सपा सड़क पर आने को मजबूर होगी।

इस आग से पूरा जिला जल ही रहा था कि एक जून को खेता सराय थाना क्षेत्र के गांव पोरई खुर्द में राम बृक्ष चौरसिया 48 वर्षीय अघेड़ की हत्या कर उसकी लाश का जला करगांव के ट्यूबेल के टैंक मे बदमाशो ने डाल दिया।

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हत्या का खुलासा पुलिस करने में नाकाम ही रही है। मृतक राम बृक्ष अपने घर से दूर पाही पर सोता था जहां पर उसकी हत्या किया गया। इन तमाम अपराधिक घटनाओं के लेकर पुलिस जूझ ही रही थी कि 3/4 जून की रात्रि में थाना बक्शा क्षेत्र स्थित कौली गांव में बालाजी ईट भट्ठे पर काम करने वालेझारखन्ड प्रान्त के श्रमिक छोटेलाल 30 वर्ष की हत्या धारदार हथियार से गर्दन काटकर किया गया इस मामले पलिस ने मृतक की पत्नी को आरोपी बता कर उसे जेल के सीखचो के पीदे भेज दिया है।

इसके अलांवा महिला अपराध से जुड़ी घटनायें भी जिले में कानून व्यवस्था का तारतार करती नजर आयी है लेकिन पुलिस एवं कानून का राखवालो की सेहत पर उसका कोई असर नहीं दिखता है।

अब यहा सवाल इस बात का है कि अपराधिक घटनाओ को रोकने के दावे तो बहुत किये जा रहे है लेकिन उसे रोकने को प्रयास क्यों नहीं किया जा रहा है। इसमें कई घटनायें ऐसी है जिसमें पुलिस की लापरवाही स्पष्ट रूप से बतायी जा रही है पुलिस यदि सक्रियता बरती होती तो सायद अपराध पर नियंत्रण किया जा सकता था।

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