Jaunpur: CM योगी की फ्लीट में घुसकर दिखाया काला झंडा, सुरक्षा में लापरवाही होने पर 2 दरोगा व 6 सिपाही निलंबित
Jaunpur: CM योगी की फ्लीट में घुसकर आशीष द्वारा काला झंडा दिखाये जाने पर 2 दरोगा व 6 सिपाही निलंबित किया गया है।
Jaunpur: जनपद में प्रदेश सरकार (State Government) के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के काफिले में आशीष यादव उर्फ़ मुलायम यादव पुत्र स्व0 राम अकबाल यादव निवासी ग्राम ढेमा थाना बदलापुर द्वारा घुस कर काला झण्डा दिखाये जाने के मामले में पुलिस प्रशासन (police administration) ने सुरक्षा में लापरवाही मानते हुए ड्यूटी पर तैनात दो उप निरीक्षकों सहित 6 आरक्षियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक के स्तर से अपने विभाग के पुलिसजनो पर की गई कार्रवाई संकेत दे रही है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में जबरदस्त लापरवाही हुई है।
घटना के समय तत्काल आशीष यादव को लिया गिरफ्तार
हालांकि घटना के समय तत्काल आशीष यादव उर्फ मुलायम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पूछ-ताछ पर पता चला कि आशीष यादव उर्फ मुलायम अपने साथी सर्वेश यादव उर्फ लल्ला पुत्र पंचम यादव निवासी ग्राम शेरवाँ थाना सिकरारा के साथ घटना स्थल पर आया था। वह सपा के छात्र सभा का पदाधिकारी है। पुलिस का कथन है कि दोनों व्यक्ति मीडिया कवरेज के बहाने मेडिकल कालेज को कवर करने हेतु सड़क के दूसरे तरफ खड़े थे। आशीष अपने जेब में काला कपड़ा रखा था, काफिला निकलने के दौरान आशीष द्वारा उसी कपड़े को दिखाया गया। पुलिस द्वारा दोनों अभियुक्तों को मय बाइक और मोबाइल गिरफ़्तार कर लिया गया है, अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
ड्यूटी में तैनात को किया निलम्बित
मौके पर ड्यूटी में तैनात 2 उपनिरीक्षक और 6 आरक्षी को लापरवाही बरतने के कारण निलम्बित कर दिया है। जनके नाम ये है।
- उप निरीक्षक इंद्रजीत यादव
- उप निरीक्षक मनोज पाण्डेय
- कांस्टेबल राजू चौहान
- कांस्टेबल सूरज सोनकर
- कांस्टेबल शेषनाथ चौहान
- कांस्टेबल अभिषेक यादव
- कांस्टेबल सुनील कुमार यादव
- कांस्टेबल जयराम
यहां पर एक सवाल यह भी उठता है कि जब जिला प्रशासन ने यह तय कर लिया था कि मेडिकल कॉलेज के अन्दर मीडिया का प्रवेश सीएम के निरीक्षण के समय नहीं रहेगा, तब पुलिस कैसे कहती है कि मीडिया के नाम पर अन्दर प्रवेश अथवा सड़क की दूसरी पटरी पर खड़ा था। जब प्रशासन ने यहा पर मीडिया को वर्जित कर रखा था तो आशीष यादव की चेकिंग क्यों नहीं किया गया था। पुलिस ने आई कार्ड देखने की जहमत क्यों नहीं उठाया।
अनजान व्यक्ति का वीआईपी फ्लीट के पास पहुंचना गम्भीर
अनजान व्यक्ति का वीआईपी फ्लीट के पास पहुंचना गम्भीर और बड़ी लापरवाही है। यहां तो मामला काले झन्डे तक सीमित रहा विस्फोट पदार्थ का उपयोग संभव था। साधारण और मीडिया के सही लोंगो को पुलिस परेशान तो की थी लेकिन घटना करने वाले का पता नहीं लगा सकी। अब देखना है कि उत्तर प्रदेश सरकार इसे कितनी गम्भीरता से लेते हुए क्या एक्शन लेती है ऐसा सवाल आम जन तलाश रहा है। क्या दो उप निरीक्षक और छ: सिपाही को निलंबित कर देने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जायेगा या वरिष्ठ अधिकारी भी जिम्मेदार ठहराये जायेंगे?