Purvanchal University: पीयू में धूमधाम से मनाया गया बसंतोत्सव, सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है बसंत पंचमी: प्रो वंदना सिंह
Purvanchal University: पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बसंत पंचमी के अवसर पर बसंतोत्सव का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने विधिवत रूप से किया गया।;
Purvanchal University: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बसंत पंचमी के अवसर पर बसंतोत्सव का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने विधिवत रूप से किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय की शिक्षिकाओं और छात्राओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने बसंत पंचमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व ज्ञान, विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य और विद्या में वृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि यह त्योहार नई ऊर्जा, सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है, जिसे हमें पूरे मनोयोग से मनाना चाहिए। बसंतोत्सव के दौरान उपस्थित शिक्षिकाओं और छात्राओं ने भजन-कीर्तन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। समारोह में डॉ. झांसी मिश्रा, डॉ. जया शुक्ला, पूनम त्रिपाठी, कामायिनी शर्मा, अंकिता, प्रिया पाल, प्रतिभा शुक्ला, चांदनी, पूजा, खुशी, नेहा पांडे समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।
बच्चे ही देश का भविष्य
जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र सिंह ने सोमवार को प्राथमिक विद्यालय ताहिरपुर में नवनिर्मित मां सरस्वती के मंदिर में स्थापित मां की मूर्ति का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अनावरण किया। इस दौरान विद्यालय के छात्रों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगो को भावविभोर कर दिया। मूर्ति अनावरण से पहले जिलाधिकारी के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह व विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित सिंह के द्वारा ताहिरपुर गांव के ही विद्वान ब्राह्मण पंडित रामचरित्तर उपाध्याय ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन अर्चन कराया।
अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालयों में जब तक प्राथमिक शिक्षा अच्छी नहीं होगी तब तक आप आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि बच्चे ही कल के भविष्य है जिनमे अपार सम्भावनाये है इन्हें सही ढंग से तराशने की जरूरत है। उन्होंने नन्हे बच्चों की तुलना विद्युत बल्ब से करते हुए कहा कि ये सभी विद्युत आवेशित कण है। किसी मे जीरो वाट तो किसी मे पंद्रह और किसी मे सौ वाट की प्रतिभा है। अच्छी शिक्षा पाकर भविष्य में यही पावर हाउस बन जाएंगे और अपनी प्रतिभा से देश और समाज को आलोकित करेंगे। संबोधन के दौरान जिलाधिकारी पंक्तियां सुनाकर बच्चों को जागरूक कर रहे थे। सबसे पहले वे कक्षाओं में पहुंचकर बच्चों से सवाल जवाब किया तो बच्चों ने भी उनके सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। विद्यालय में बने डिस्कवरी लैब में जाकर वहां भी रखे गए संयंत्रों के बारे में भी जानकारी लिया। बच्चों द्वारा बेबाकी से दिए गए जवाब से खुश जिलाधिकारी ने बच्चों को अपने हाथों से मिठाई व बिस्कुट वितरित किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने कहा कि कामयाबी के लिए हमेशा संघर्षरत रहना जरूरी है। परिषदीय स्कूलों के छात्रों को शिक्षित कर विकसित भारत के संकल्प को साकार कर रहे है। प्रधानाध्यापक अमित सिंह व अन्य शिक्षकों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व शाल भेंट किया।
कार्यक्रम में पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय, महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह, जिला मंत्री सतीश पाठक, जिला कोषाध्यक्ष रोहित यादव, जिला संयुक्त मंत्री शैलेंद्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह टोनी, संतोष बघेल, मृत्युंजय सिंह, अतुल सिंह, राजीव सिंह लोहिया, दिवाकर चौहान, सरोज सिंह, सजल सिंह, विशाल सिंह, प्रदीप सूर्या, धनंजय मिश्रा, अखण्ड सिंह, शैलेश चतुर्वेदी, अनुपम श्रीवास्तव, अंकिता सिंह, अवंतिका सिंह, दिनेश यादव, सुनील प्रजापति, संतोष सिंह, राम सिंह, सोमेंद्र त्रिपाठी, नेहा जायसवाल, मंजू जैसवार, आराधना उपाध्याय, गजाला बानो, मनोज कुमार, राजीव उपाध्याय, मनोज सिंह, राजन सिंह, अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अवकाश प्राप्त शिक्षक लल्लन उपाध्याय व संचालन आदर्श शिक्षक संयुक्ता सिंह ने किया।