Jaunpur News: गैंगस्टर ‘जीवा’ को शूट करने वाले ‘विजय यादव’ के बारे में जानिए सबकुछ! गांव वाले भी हैं हैरान

Jaunpur News: जौनपुर के थाना केराकत क्षेत्र स्थित ग्राम सुल्तानपुर में शूटर विजय कुमार यादव का निवास है। उसके परिवार से लेकर गांव सहित पुलिस भी स्तब्ध है कि आखिर उसने कोर्ट रूम में माफिया की हत्या जैसी घटना को कैसे अंजाम दिया है।

Update:2023-06-09 20:15 IST
(Pic: Newstrack)

Jaunpur News: प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित दीवानी न्यायालय की अदालत में जज के सामने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला देने वाला आरोपित विजय यादव जौनपुर का रहने वाला है। उसके द्वारा इस घटना को अंजाम दिए जाने के बाद गांव से लेकर शहर तक सभी लोग हैरत में हैं।

इस गांव में है शूटर का घर

जौनपुर के थाना केराकत क्षेत्र स्थित ग्राम सुल्तानपुर में शूटर विजय कुमार यादव का निवास है। उसके परिवार से लेकर गांव सहित पुलिस भी स्तब्ध है कि आखिर उसने कोर्ट रूम में माफिया की हत्या जैसी घटना को कैसे अंजाम दिया है। इस संदर्भ में विजय के माता पिता और स्थानीय थाने पुलिस से बात करने के बाद जो तथ्य सामने आये हैं, वह खासे चौंकाने वाले है।

ऑटोमैटिक असलहा कैसे आया विजय के पास

इस हत्याकांड में जिस असलहे का प्रयोग हुआ है, वह दुर्लभ माना जाता है। ये ऑटोमैटिक पिस्टल बहुत कम बड़े अपराधियों के पास पाई जाती रही है। विजय को यह किसने दिया, यह गम्भीर मामला है। क्योंकि परिवार की स्थिति से साफ संकेत है कि विजय की यह हैसियत नहीं है कि वह इतना महंगा असलहा रख सके।

माता-पिता ने कहा- कभी किसी से मारपीट तक नहीं हुई थी विजय की

विजय के पिता श्याम यादव और माता निर्मला यादव इस बात से परेशान है कि उनका पुत्र जो अब तक अपने जीवन काल में किसी भी व्यक्ति से कोई विवाद तक नहीं किया। कभी किसी से मारपीट तक नहीं की। वह अचानक इतना बड़ा कांड कैसे कर दिया है। माता निर्मला का बयान है कि विजय अपने चार भाईयों में दूसरे नंबर पर है। वह इतना सीधा है कि उसे अगर कोई कुछ कहता था तो चुपचाप सिर झुकाकर चला जाता था और आज इतने बड़े बदमाश को अदालत के अन्दर मारने की घटना में कैसे शामिल हो गया, इससे परिवार वाले लोग हैरान व परेशान है।

परिजनों को बताया था मोबाइल गुम हो गया है

मां निर्मला ने बताया कि 15 मई को फोन से उससे बात हुई थी। यह बताया कि एक दिन उसने अपने भाई से किसी तरह बात की और बताया कि उसका मोबाइल खो गया है। जबकि पिता ने चार जून को बात करने की पुष्टि की और कहा कि लखनऊ जाने के लिए उसे केराकत ले जाकर छोड़ा। इसके बाद कोई बात नहीं हुई। जब खबर आई कि विजय ने गैगस्टर की हत्या कर दी, तब हम सब पूरे परिवार के लोग सन्न रह गए। अब क्या बता सकते हैं कि इस पूरी कहानी के पीछे का खेल क्या है।

कोतवाली प्रभारी भी नहीं बता सके कुछ खास इतिहास

इस संदर्भ में इंस्पेक्टर कोतवाली केराकत से बात की गई तो वह भी कुछ खास नहीं बता सके। बस इतना जरूर कहा कि पैसा कमाने की लालच में कभी7कभी आदमी गलत कदम उठा लेता है। हालांकि अब इस बड़ी घटना में शामिल होने की बात सामने आने पर पुलिस द्वारा हर एक पहलू पर गम्भीरतापूर्वक छानबीन की जा रही है। यह भी तलाशा जा रहा है सीधा-साधा विजय किसी बड़े अपराधी के सम्पर्क में कब और कैसे आया है।

गांववालों ने कहा- सीधा और मिलनसार था विजय

गांव के लोग भी इस बात की पुष्टि करते है कि विजय खासा मिलनसार युवक था। वो कब जरायम की दुनिया से जुड़ गया यह जांच का विषय है। जो भी हो पुलिस की जांच तो चल रही है। इस बात से हर कोई हैरान है कि जिस असलहे से जीवा मारा गया वह कीमती असलहा और यूपी में न मिलने वाला असलहा विजय के हाथ देने वाला कौन है। कहा जा रहा है कि इसका सही खुलासा जब तक नहीं होगा, घटना की सच्चाई से पर्दा हटना मुश्किल है।

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