'सरकार शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही..', अपनी मांग के समर्थन में शिक्षक उतरे सड़क पर, CM के नाम सौंपा ज्ञापन
Protest in Jaunpur: शिक्षक कर्मचारियों के विरुद्ध सरकार के तानाशाही रवैया के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदेश मंत्री अनिल कुमार कनौजिया ने कहा कि, 'सरकार निजीकरण के बहाने संस्थानों को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप कर हमें गुलाम बनाना चाहती है।'
Protest in Jaunpur: माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार देव के आह्वान पर शिक्षकों और कर्मचारियों के वर्तमान एवं उनके भविष्य के साथ प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे खिलवाड़ के विरोध में शुक्रवार (01 दिसंबर) को प्रदर्शन किया। जौनपुर जिला इकाई के सभी शिक्षकों की ओर से जिलाध्यक्ष राज केसर यादव के नेतृत्व में सभा बीआरपी इंटर कॉलेज में आयोजित हुई। सभा को प्रदेश अध्यक्ष ने संबोधन के पश्चात विरोध प्रदर्शन हेतु जुलूस निकाला। जुलूस कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा। यहां मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया।
मांग पत्र में शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं से संबंधित 9 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार देव ने हुंकार भरते हुए कहा कि, 'यदि सरकार हमारी जायज व मानवीय मांगों को गंभीरता पूर्वक लेकर जल्द समाधान नहीं करती है तो अगला विरोध-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ में किया जाएगा।
'बुढ़ापे की लाठी' है पुरानी पेंशन
शिक्षकों की मांगों में लाखों शिक्षक कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी रूपी 'पुरानी पेंशन' बहाली, विभिन्न जिलों में एनपीएस के मद में हुए घोटाले की जांच करने, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 को रद्द करते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बहाल कर बोर्ड के अधिनियम- 1982 को यथावत रखा जाए। जिससे शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा- 21 और उनकी सेवा शर्तों की धारा-12 और 18 सुरक्षित रहे, संविदा एवं आउटसोर्सिंग से नियुक्ति को समाप्त कर नियमित नियुक्तियां करने, विद्यालयों में जन शिक्षा में निजीकरण का विरोध करने और विद्यालयों का राजकीयकरण करने, 7 अगस्त 1993 से 2000 तक के तदर्थ शिक्षकों के विरुद्ध शिक्षकों के विरुद्ध 9 नवंबर 2023 को निर्गत आदेश को वापस लेने,प्रधानाचार्य का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से करने, वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने, सातवें वेतन आयोग की विसंगति(प्रवक्ता-चयन/प्रोन्नति) दूर करते हुए आठवें वेतन आयोग का गठन शीघ्र करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा शीघ्र लागू करने और सहायक अध्यापक पदनाम को बदलकर सहायक प्रवक्ता किया जाय।
सरकार का तानाशाही रवैया, फूटा गुस्सा
शिक्षक कर्मचारियों के विरुद्ध सरकार के तानाशाही रवैया के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदेश मंत्री अनिल कुमार कनौजिया ने कहा की सरकार निजीकरण के बहाने संस्थानों को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप कर हमें गुलाम बनाना चाहती हैं परंतु ऐसा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। जिला अध्यक्ष राज केसर यादव ने विद्यालयों का राजकीयकरण करने और निजीकरण का जबरदस्त विरोध करते हुए कहा कि शिक्षा शिक्षक और कर्मचारियों के हित के लिए इस सरकार को बदलना होगा तभी हमारे हक अधिकार और सेवा की सुरक्षा हो सकेगी।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ चंद्रसेन ने कहा कि, 'सरकार नए आयोग को रद्द करते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बहाल करें अन्यथा आंदोलन करने को संगठन बाध्य होगा। प्रधानाचार्य का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से करने संबंधी शासन में लंबित प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शासनादेश जारी करें।'
ये हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल
इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री डॉ नागेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश, हसीना प्रसाद, पाल सिद्धार्थ यादव, मीडिया प्रभारी रामसेवक कोषाध्यक्ष रामनारायण बिन्द, पंचलाल प्रेम कुमार यादव जितेंद्र यादव, रविंद्र कुमार, अवध राज यादव, शिवाकांत सोनकर, कमलेश कुमार, अजय श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव राकेश कुमार मिश्रा रितेश कुमार शैलेंद्र सरोज राजेश कुमार अजीत कुमार हीरालाल डॉ आकाश श्रीवास्तव विजय प्रकाश गौतम, संतोष कुमार दुबे शिव शंकर पांडे राजेंद्र प्रसाद राज साहब यादव मनोज कुमार बांकेलाल प्रजापति इंद्रेश यादव रामपाल मनीष तिवारी रामानुज जायसवाल प्रेम कुमार अनिल कुमार मनीष कुमार तिवारी अजीत चौरसिया सब प्रकाश यादव रामपति नन्हेंलाल सरोज सुनील सिंह योगराज आदि शिक्षक कर्मचारी जुलूस कार्यक्रम में शामिल रहे।