Jhansi News: ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वालों को हर महीने लाखों लौटा रहा साइबर सेल
Jhansi News: साइबर सेल टीम ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। टीम ने साइबर ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ठगी का शिकार हुए लोगों को उनके पैसे रिफंड करवाए हैं। तीन माह में 20 लाख रुपया मिलने से लोगों के चेहरे भी खिल उठे।
झाँसी: साइबर सेल टीम ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। टीम ने साइबर ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ठगी का शिकार हुए लोगों को उनके पैसे रिफंड करवाए हैं। तीन माह में 20 लाख रुपया मिलने से लोगों के चेहरे भी खिल उठे। वर्तमान समय में फाइनेंशियल फॉड के अपराध अत्यधिक स्तर पर घटित हो रहे हैं। ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाले अज्ञात आरोपित पीड़ितों को अलग- अलग प्रकार से अपने झाँसे में लेकर उनका भरोसा प्राप्त कर लेते हैं।
पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि एसएसपी शिवहरी मीणा और एसपी सिटी/नोडल अधिकारी साइबर क्राइम विवेक त्रिपाठी के मार्गदर्शन में पीड़ितों की शिकायतों पर अपने स्रोतों एवं अन्य माध्यमों से त्वरित कार्रवाई करते हुए कई व्यक्तियों के बैंक खातों में 20 लाख रुपया वापस कराया गया है। साइबर सेल व साइबर क्राइम ने अब तक 70 लाख रुपया वापस कराया है। डीआईजी का कहना है कि भविष्य में साइबर ठगी की शिकायत आने पर इस प्रकार की त्वरित कार्रवाई टीम के सदस्यों द्वारा की जाएगी। उनका कहना है कि ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में जागरुकता भी आने लगी है। ऐसे लोगों की साइबर सेल भी मदद कर पा रही है। ठगी के शिकार लोगों को उनके लाखों रुपए साइबर सेल वापस करवा रही है। झाँसा देकर जो राशि ठगों ने पीड़ितों के बैंक खाते से निकाल लिए थे, उन राशियों को साइबर सेल की टीम ने उन्हें वापस करा रही है। डीआईजी का कहना है कि साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई है। टीमें लगातार छापेमार की कार्रवाई कर रही है। इसमें अन्य राज्यों की पुलिस को सहयोग भी ले रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे अपराधियों पर अब गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी।
इन लोगों के पैसा वापस करवाए
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के ट्यूबवेल रोड खाती बाबा मोहल्ले में रहने वाले अजय कुमार के सात लाख 28 हजार 588 में से छह लाख तीन हजार पांच सौ नब्बे, ललितपुर रोड पर रहने वाले सोनी बग्गा के 99 हजार 999 में से सारा पैसा, भेल निवासी मोतीलाल के खाते से 4,99,990 में से 4,48,988 पैसा, निर्मल हॉस्पिटल कैम्पस कानपुर रोड के पास रहने वाले डॉ कामद दीक्षित के खाते से 2.50,000 में सारा पैसा वापस करवाया गया है। इस प्रकार सात माह में 14 लाख से अधिक रुपया पीड़ितों के खातों में वापस कराए गए थे।
अब तक इतना पैसा वापस कराया
पूर्व में साइबर थाना स्थापित होने के समय से करीब सात माह में 14 लाख से अधिक रुपये पीड़ितों के खातों में वापस कराये गए थे। अब तक कुल 33 लाख 39 हजार से अधिक रुपये वापस कराये जा चुके है। इसके अलावा अब तक थाने में 22 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं और विवेचनात्मक कार्रवाई के दौरान 13 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जों से नगद रुपये, घटना में प्रयुक्त दर्जनों मोबाइल, सिम, एटीएम कार्ड, वाहन चैक, बुक व अन्य डिवाइसें आदि भी बरामद का जा चुकी है। विभिन्न प्रांतों में साइबर ठगों के बैंक खातों में कुल 11 लाख 33 हजार रुपया को फ्रीज कराया जा चुका है।
ऐसे बनाते है लोगों को शिकार साइबर अपराधी
जामताड़ झारखंड, मेवात हरियाणा, राजस्थान के भरतपुर जैसे स्थान साइबर अपराधियों का गढ़ माने जाते हैं, यहां के साइबर अपराधी नित्य नयी तकनीक को इजाद करते है। हर माह अपराध करने के तरीकों को बदलते रहते हैं। जहां शुरुआत में एटीएम बूथों पर हेल्प करने के नाम पर एटीएम कार्ड बदल कर क्लोन करके एटीएम से रुपये निकाल लेते थे। वहीं अब मोबाइल कॉल के माध्यम से आम लोगों को तरह-तरह के लुभावने लालच देते हुए बैंक खातों से रुपये ट्रान्सफर कर लेते है या अपने खातों में डलवा लेते है।
अब ऐसे होगा मुकदमा
बताते हैं कि एक लाख की ठगी का शिकार होने वाले पीड़ित व्यक्ति की रिपोर्ट साइबर थाने में पंजीकृत कराई जाएगी, जबकि एक लाख से कम ही ठगी होती है तो जहां का पीड़ित रहने वाला है, उसी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
तत्काल शिकायत करने से मिलता है फायदा
ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले अधिकांश लोग तीन-चार दिन बाद पुलिस के पास शिकायत करने जाते हैं। अगर ठगी होने के 8 से 10 घंटे के भीतर भी सायबर सेल या पुलिस थानों में जाते हैं, तो ठगी की राशि वापस होने की काफी गुंजाइश रहती है। इस दौरान सायबर सेल की टीम बैंक अधिकारियों से संपर्क स्थापित करके बैंक खातों को ब्लॉक करवा सकती है।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
किसी भी दशा में अनजान व्यक्ति को फोन कॉल, मैसेज, फेसबुक, व्हाट्स एप मैसेज आने और इन सब माध्यम से तरह-तरह की प्रलोभन देने पर लालच न करे न ही उनकी बातों का भरोसा करे। यदि अनजान कॉल, मैसेज पर लालच नहीं किया और भरोसा नहीं किया तो आप ठगी के शिकार नहीं हो सकते है। कभी भी किसी को ओटीपी न बताये, एटीएम अनजान व्यक्ति को न दे, अनजान व्यक्ति द्वारा बताये गए मोबाइल एप डाइनलोड न करें। अनजान व्यक्ति से फेसबुक पर दोस्ती न करें, कस्टमर केयर का गूगल पर नंबर सर्च न करें। यदि बहुत आवश्यक है तो अधिकारिक वेबसाइट पर ही कोई नंबर सर्च करें। यदि साइबर ठगी से बचना है तो सतर्कता व जागरुकता से अच्छा और कोई विकल्प नहीं।
इस टीम को मिली है सफलता
परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक शिवशंकर सिंह, निरीक्षक स्वास्तिक द्विवेदी, उपनिरीक्षक राहुल सिंह, आरक्षक अबुल हसन, सचिन तिवारी, नरेश कुमार, मोहम्मद इमरान, आशुतोष, शरद कुमार, अनिल कुमार, रोहित चौरसिया, अमन कटियार आदि लोग शामिल रहे हैं।
परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस थाना का किया निरीक्षण
पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने मंगलवार को परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना, परिक्षेत्रीय साइबर महिला उत्पीड़न सेल आदि शाखाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण में जो कमियां नजर आई है, उन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर एसएसपी शिवहरि मीणा उपस्थित रहे है।