Jhansi News: जल संरक्षण की बात सभी कह रहे, पर अनुपालन कोई नहीं कर रहा

Jhansi News: जेडीए के अनुसार महानगर में करीब 300 सोसाइटी और कालोनियां हैं जिनमें से 75-80 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली कार्यरत है।

Report :  Gaurav kushwaha
Update:2024-08-10 11:18 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Jhansi News: जल संरक्षण की बात तो सभी कर रहे हैं, झांसी विकास प्राधिकरण के साथ स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस दिशा में काम कर रहा है। नगर निगम के अनुसार झांसी महानगर में लगभग एक लाख मकान, सरकारी बिल्डिंग, सोसाइटी व कालोनियां हैं। वहीं, जेडीए के अनुसार इनमें से सिर्फ पांच सैकड़ा ही बारिश के पानी का (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) संरक्षण कर रहे हैं। ऐसे में मानसून के मौसम में बारिश से प्रचुर मात्रा में मिलने वाले मीठे और शुद्ध जल को भूमिगत जल से कैसे मिलाया जाए और कैसे भूमिगत जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो, यह सवाल पैदा हो गया है।

नब्बे फीसदी घरों में नहीं है रेन वाटर हार्वेस्टिंग

पूर्व में मकानों, भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू कराने की पहल नगर निगम ने की थी। बाद में झांसी विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी दी गई है कि 300 वर्गमीटर से ज्यादा के भूखंड पर बनने वाले भवनों, कालोनियों और सोसाइटियों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू करवाया जाए। इनके ले आउट या मानचित्र को तभी पास किया जाए जब उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान किया गया हो। जेडीए के अनुसार महानगर में करीब 300 सोसाइटी और कालोनियां हैं जिनमें से 75-80 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली कार्यरत है। बाकी को भी इसे करने को कहा गया है। वहीं स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली तैयार करने का जिम्मा दिया गया था। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अवर अभियंता के अनुसार वर्ष 2022 में 57 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली लागू कर दी गई थी। इसके बाद उक्त क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा कि नहीं इसको लेकर स्मार्ट सिटी ने कई बार भू गर्भ जल विभाग से पत्राचार किया परंतु कोई उत्तर नहीं मिला।

स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अनुसार बुंदेलखंड महाविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की समस्त बिल्डिंग, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज की समस्त बिल्डिंग, नगर निगम भवन, शिक्षा भवन, राजकीय संग्रहालय, ध्यानचंद स्टेडियम, जल निगम कार्यालय, बेतवा भवन, सीपरी बाजार थाना, पुलिस बैरक, एसएसपी कार्यालय, पुलिस मॉडर्न स्कूल, जीआईसी, जीजीआईसी सहित अन्य सरकारी भवनों में कार्य कराए गए। उल्लेखनीय है कि दीनदयाल सभागार और विकास भवन में पहले से यह सिस्टम लागू था।

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