Jhansi Fire News: भगदड़ में अपना समझ दूसरे के बच्चे को ले गई महिला, सच जानकर भी दो दिन कराती रही उपचार मां
Jhansi Fire News: एक महिला अपना समझकर बच्चे को ले गई और तीन दिन तक इलाज कराती रही। जब बच्चे पर टैग निकालकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दी गई तो बच्चे को पिता कृपाराम के हवाले किया। जिसे पाकर परिवार खुशी से झूम उठा।
Jhansi Fire News: मेडिकल कॉलेज के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट में लगी आग के बाद दस शिशुओं की जलकर मौत हो गई। वहीं घटना के दूसरे दिन रविवार को नई कहानी और सामने आई है। आग और धुएं के बीच मची भगदड़ में एक महिला अपना समझकर बच्चे को ले गई और तीन दिन तक इलाज कराती रही। जब बच्चे पर टैग निकालकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दी गई तो बच्चे को पिता कृपाराम के हवाले किया। जिसे पाकर परिवार खुशी से झूम उठा।
शुक्रवार को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में आग लगने से दस बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। हालांकि बीमारी से एक और बच्चे मौत हो गई। इस पर महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नरेद्र सिंह सेंगर बताया कि लक्ष्मीपुरा (काल्पनिक नाम) नाम के बच्चे की मौत एप्निया वीडाजो से हुई हैं। बर्न इंजरी या किसी तरह का जलना नहीं है। अब मरने की वालों की संख्या 11 हो गई है। वहीं रविवार को अग्निकांड के बाद अदला- बदली हुई बच्चों के असली माता-पिता भी मिल गए।
बबीना थाना क्षेत्र के गांव बमेर निवासी आदिवासी लक्ष्मी ने बताया कि जब आग लगी तो वहां भदगड़ मच गई। वह दूसरे के बच्चे को अपना समझकर वहां से भाग गई और एक निजी मिथला अस्पताल में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया। वह जानती थी कि यह बच्चा किसी दूसरे का है। उन्होंने बताया कि जब वह पहुंची तो यहां मौजूद अस्पताल में मौजूद स्टॉफ ने बच्चे पर लगा टैग निकाला। कहा कि, बच्चे पर लगी पर्ची से नंबर निकालकर पुलिस को सूचना दो। जिसमें बताया गया कि एक बच्चा अस्पताल में महिला लेकर आई है। यहां बच्चे के असली पिता कृपाराम लगातार पुलिस-प्रशासन से मिलकर गुहार लगा रहे थे।
इसी बीच सूचना पर मिलने पर पुलिस के साथ अस्पताल पहुंचे। बच्चे में लगी पर्ची से मिलान किया तो फिर बच्चे को सौँप दिया गया। महिला ने बताया कि बच्चे का तीन दिन इलाज कराया है। मालूम था कि वह उसका नहीं है। यहां के अस्पताल कर्मचारियों ने उस पर लगा नंबर निकाल लिया। वहीं कृपाराम ने बताया कि हमारा बच्चा मिल गया है।