Jhansi News: उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन, जुटेंगे आठ राज्यों के वैज्ञानिक

Jhansi News: केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला 08 फरवरी से आयोजित कर रहा है।

Report :  B.K Kushwaha
Update: 2024-02-06 13:08 GMT

प्रो. एके सिंह ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया source: Newstrack 

Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि का उद्देश्य लेकर “उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी” का आयोजन 08 से 10 फरवरी को होने जा रहा है।

पर्यावरणीय दबाव में एक उचित समाधान

आज की दुनिया में, जहां उपभोक्ता पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं, पुनर्जीवी कृषि आशा की किरण के रूप में हमारी खाद्य प्रणाली में आने वाली चुनौतियों का एक उचित समाधान है। पुनर्जीवी कृषि केवल एक कृषि पद्धति से कहीं अधिक है; यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो हमारी भूमि को पुनः स्थापित और पुनर्जीवित कर सकता है। मूल में, पुनर्जीवी कृषि इस अहसास की प्रतिक्रिया है कि हमारी वर्तमान कृषि पद्धतियाँ हालांकि हमें खिलाने में सक्षम है, पर यह पारिस्थितिक क्षरण के निशान भी छोड़ गई है।

8 राज्यों का होगा क्षेत्रीय किसान मेला

कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि इस क्षेत्रीय किसान मेला में 8 राज्य अपनी सहभागिता करेंगे। इसमें जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, सहित त 8 राज्य हिस्सा लेंगे। किसानों को परंपरागत कृषि, कृषि निर्यात की रहे हैं। इस मेले में संभावनाए, फल, सब्जी, फूल, मशरूम व अन्य लाभदायक फसलों के उत्पादन की जानकारी के साथ-साथ दलहन, तिलहन व श्रीअन्न की खेती तथा उसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी। कृषि मेले एवं प्रदर्शनी में कृषि से संबंधित विभिन्न तकनीकों, यंत्रों एवं सजीव प्रदर्शन किसानों, उत्पादकों, विक्रेताओं को दिखाये जायेंगे।

मेले में होगा विभिन्न कृषि तकनीकों का प्रदर्शन

इस मेले के प्रमुख आकर्षण प्राकृतिक खेती के मॉडल एवं प्रदर्शनी, संरक्षित खेती पॉलीहाउस तकनीकी, बागवानी एवं कृषिवानिकी, तकनीकी पार्क नवीन प्रजातियां एवं तकनीकों का सजीव प्रदर्शन, आय उन्मुख विधाएं - शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, बीज उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट, मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण, उन्नत बीज एवं पौधों की बिक्री, व्याख्यानमाला एवं कृषि गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम रहेंगे। प्रदर्शनी में लगभग 125 स्टाल लगाये जायेंगे जिसमे आईसीआरए विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, एफ.पी.ओ. कृषि आधारित निजी संगठन एवं अन्य सभी हितधारकों के लिए है जो अपने व्यवसाय के विस्तार और विवधीकरण में रूचि रखते हैं। इस कृषि मेला में कृषि विभाग, उ. प्र सरकार के साथ श्रीअन्न पर विशेष तकनिकी सत्र एवं श्रीअन्न से बानाये गये पकवान पर भी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी साथ ही उद्यान विभाग, उ प्र सरकार के साथ मिल कर फूल प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी। इस अवसर पर डॉ एसएस सिंह, डॉ एसके चतुर्वेदी, डॉ अनिल कुमार, डॉ आरके सिंह, डॉ वीपी सिंह, डॉ एमजे डोबरियाल, डॉ मुकेश श्रीवास्तव, डॉ गौरव शर्मा, सुजीत चतुर्वेदी उपस्थित रहे।

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