Jhansi News: पुलिस वाहन से भागे तीन कैदियों का मामला, तीन उपनिरीक्षक, चार मुख्य आरक्षी और एक आरक्षी नौकरी से बर्खास्त

Jhansi News: सीओ सिटी ने जांच में पुलिस कर्मियों को पाया था दोषी। झाँसी जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया था। पेशी होने के बाद शैलेंद्र, गया प्रसाद और बृजेंद्र सिंह को वाहन में बैठाया गया था। मौका देखकर तीनों कैदी रहस्यमय ढंग से फरार हो गए थे।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2023-09-22 20:34 IST

Jhansi: रेलवे अदालत में पेशी होने के बाद बिना सुरक्षा वाहन से फरार हुए तीन कैदी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। निलंबित किए गए तीन दारोगा, चार मुख्य आरक्षी, एक आरक्षी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इन लोगों को सीओ सिटी राजेश राय द्वारा की गई जांच में दोषी पाया गया था।

बता दें कि 19 सितंबर 2023 को झाँसी जिला कारागार में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के थाना हजीरा स्थित रेशम मिल पुरानी लेन के पास रहने वाले शैलेंद्र, सागर के थाना जीमी रहली के रेहली खिमलिया निवासी गया प्रसाद अहिरवार उर्फ गुड्डा, शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुरा निवासी बृजेंद्र सिंह उर्फ हजरत, मोहम्मद अकरम, शिवपुरी के थाना करैरा के कच्ची वाली वार्ड नंबर 12 में रहने वाले राजू जाटव उर्फ शंकर जाटव, शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुर निवासी शैलेंन्द्र सिंह उर्फ मोनू रावत और चेतराम को झाँसी जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया था। पेशी होने के बाद शैलेंद्र, गया प्रसाद और बृजेंद्र सिंह को वाहन में बैठाया गया था। मौका देखकर तीनों कैदी रहस्यमय ढंग से फरार हो गए थे।

इन पर दर्ज हुआ मुकदमा-

सिविल पुलिस के प्रतिसार निरीक्षक सुभाष सिंह की तहरीर पर जीआरपी पुलिस ने उपनिरीक्षक सुरेश सिंह यादव, उपनिरीक्षक राजेंद्र अनुरागी, उपनिरीक्षक पंकज सिंह, मुख्य आरक्षी शिवपाल, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार, मुख्य आरक्षी संदीप कुमार, मुख्य आरक्षी जितेंद्र कुमार, आरक्षी अनिल कुमार, अभियुक्त बृजेंद्र कुमार, गया प्रसाद और शैलेंन्द्र के खिलाफ दफा 223, 224 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पेशी पर लाये गये 05 बन्दियों को वाहन में बैठाने के बाद उपेक्षा पूर्वक कार्य करने व बन्दी वाहन के पास मौजूद न रहकर एक साथ पानी पीने इधर-उधर चले गये, जिससे बन्दियों को भागने का मौका मिला। इनके द्वारा अपने पदेन राजकीय कर्तव्य निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती गयी है, जिसके लिये इनको दोषी पाया गया है।

बंदियों का फरार हो जाना एक गंभीर लापरवाही प्रदर्शित करता है-

पुलिस जैसे अनुशासित बल में बन्दियों की सुरक्षा हेतु पर्याप्त पुलिस बल देने के बावजूद इनकी अभिरक्षा से चोरी, लूट जैसे संगीन धाराओं में निरूद्ध उक्त बन्दियों का फरार हो जाना एक गंभीर लापरवाही को प्रदर्शित करता है। इनके ऊपर लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि इनको पुलिस बल में बनाये रखने से इसका कुप्रभाव दूसरे पुलिस कर्मियों पर पड़ने के साथ ही साथ भविष्य में किसी बड़ी घटना के घटित होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उ0प्र0 अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम-8 उप नियम-4-(क) में निहित निर्देश ‘‘पुलिस अभिरक्षा या न्यायिक अभिरक्षा से किसी व्यक्ति को साशय या उपेक्षा पूर्वक भागने देने के लिये पदच्युति का दण्ड होगा।‘‘ पुलिस उपमहानिरीक्षक, झॉसी परिक्षेत्र, झॉसी द्वारा उपनिरीक्षक सुरेश कुमार, उपनिरीक्षक राजेन्द्र कुमार अनुरागी एवं उपनिरीक्षक पंकज कुमार सिंह को अपने पदेन राजकीय कर्तव्य निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के फलस्वरूप उनको सेवा से पदच्युत किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने मुख्य आरक्षी ना0पु0 जितेन्द्र कुमार, मु0आ0ना0पु0 संदीप कुमार, मु0आ0स0पु0 सुनील कुमार, मु0आ0स0पु0 शिवपाल सिंह व आरक्षी अमित कुमार को उनकी पुलिस सेवा से पदच्युत किया है।

रोजाना एक राजपत्रित अधिकारी करें नियुक्तः डीआईजी

डीआईजी ने प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन को चेतावनी जारी करते हुये निर्देशित किया है कि आप प्रतिदिन पुलिस लाइन से जाने वाली बन्दी कमान की सुबह एवं रात्रि प्रतिदिन ब्रीफिंग एवं डी-ब्रीफिंग अनिवार्य रूप से करेंगे। डीआईजी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि बन्दियों की पेशी हेतु पुलिस लाइन झांसी से ले जाने में लगे पुलिस बल को प्रत्येक दिवस कि कार्ययोजना बनाकर प्रतिदिन एक राजपत्रित अधिकारी नियुक्त करें जो डियूटी में लगे पुलिस बल की प्रत्येक दिवस ब्रीफिंग करना सुनिश्चित करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह कि घटनाओं पर रोकथाम लगाई जा सके।

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