Jhansi News: कंपनी और नगर निगम के बीच छिड़ी रार! सड़ रहा करोड़ों की लागत का सोलर प्लांट

Jhansi News: अवर अभियंता राजेंद्र पाल का कहना है कि सोलर प्लांट के रखरखाव का काम देख रही कंपनी से 24 फरवरी 2024 को बात हुई है। उक्त कंपनी ने अप्रैल तक काम पूरा कराने का आश्वासन दिया है।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2024-04-03 11:28 IST

Jhansi News (सोशल मीडिया) 

Jhansi News:  बिजली की बचत और सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के मकसद से झांसी नगर निगम ने सोलर प्लांट को प्राथमिकता दी। नगर निगम की बिल्डिंग, कैंपस सहित पार्कों में 120 किलोवाट के सोलर प्लांट लगवाए गए थे। कुछ दिन बाद ही सौर ऊर्जा के इस्तेमाल का यह प्रयास अधूरा सा रह गया। प्लांट स्थापित करने वाली कंपनी और नगर निगम के बीच काम और रख रखाव को लेकर मतभेद और तकरार होने लगी। चूंकि प्लांट के रखाव का एग्रीमेंट पांच साल के लिए था। मतभेद के दौरान यह मियाद भी बीत गई, अब सवाल ये खड़ा हो गया है कि इस सोलर प्लांट की सुध कौन लेगा?

साल 2017 में शुरु हुआ था काम

दरअसल, साल 2017 में झांसी नगर निगम परिसर में 4.50 करोड़ की लागत से 120 किलोवाट के सौर प्लांट लगवाए गए थे। प्लांट से पार्कों को रात के समय रोशन करने तथा बिजली चले जाने पर कार्यालय के कामकाज सुचारू रखने के लिए कनेक्शन दिए गए थे। इसके लिए लखनऊ की सोलर एनर्जी डेवलपमेंट कोआपरेटिव सोसाइटी लि. के बीच एक करार हुआ था। इस करार के तहत प्लांट स्थापना और पांच साल तक इसका रखरखाव कंपनी को करना था। परिसर में सोलर प्लांट पर काम चालू हो गया। पैनल लगाए जाने लगे। बैटरियों का जखीरा नगर निगम के ग्राउंड फ्लोर के बरामदे में जालियां लगाकर रखीं गईं, लेकिन जब नगर निगम के अधिकारियों ने इसका निरीक्षण किया को प्लांट का काम अधूरा पाया, साथ भुगतान पर रोक लगा दी गई।

अप्रैल तक काम पूरा होने की उम्मीद

नगर निगम में सोलर प्लांट का काम देख रहे अवर अभियंता राजेंद्र पाल का कहना है कि सोलर प्लांट के रखरखाव का काम देख रही कंपनी से 24 फरवरी 2024 को बात हुई है। उक्त कंपनी ने अप्रैल तक काम पूरा कराने का आश्वासन दिया है। एपीजे अब्दुल कलाम नगरीय सौर पुंज योजना के अंतर्गत काम पूरे नहीं हुए हैं। वर्तमान में प्लांट की 10 बैटरियां खराब हैं।

प्लांट के न होने से नहीं पड़ेगा कोई फर्क

नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि यदि सोलर प्लांट काम करना बंद भी कर दे तो नगर निगम के कामकाज पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह है कि नगर निगम भवन और पार्कों में विद्युत संयोजन हैं। भवन में उच्च क्षमता वाला जनरेटर भी उपलब्ध है। ऐसे में सोलर प्लांट की गड़बड़ी से नगर निगम के कामकाज में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

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