Jhansi News: स्थाई पर्यावरण विकास पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में शुरू हुआ दो दिवसीय मंथन

Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में स्टेम रिसर्च सोसाइटी एवं एनआईटी जालंधर के संयुक्त तत्वाधान में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी RAiSE 2023 का भव्य आयोजन किया गया ।

Update:2023-05-16 04:29 IST
स्थाई पर्यावरण विकास पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में शुरू हुआ दो दिवसीय मंथन: Photo- Newstrack

Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में स्टेम रिसर्च सोसाइटी एवं एनआईटी जालंधर के संयुक्त तत्वाधान में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी RAiSE 2023 का भव्य आयोजन किया गया कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में UIT RGPV शिवपुरी के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर आर के सिंघई एवं नगर आयुक्त पुलकित गर्ग रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत में संयोजक प्रोफेसर आर के सैनी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया, NIT जालंधर से डॉक्टर ओपी वर्मा ने इस STEM सोसायटी का परिचय दिया एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला उसके बाद डॉ तरुण शर्मा ने इस कॉन्फ्रेंस सीरीज RAiSE के विषय में विस्तार पूर्वक बताया।अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय रिसेंट एडवांसेज इन सस्टेनेबल एनवायरमेंट रहा, देश विदेश से इस संगोष्ठी में 99 शोध पत्र प्राप्त किए गए जिनकी एब्स्ट्रेक्ट बुक भी कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे एवं सभी मंच द्वारा रिलीज की गई।

जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की किताब सपनों के सारथी का हुआ विमोचन

कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति मुकेश पांडे ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी समाज का अब एक अभिन्न अवयव होना चाहिए। बढ़ती आबादी के साथ यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम शॉर्ट टर्म थिंकिंग की अपेक्षा लॉन्ग टर्म प्लानिंग, एक्सप्लोइटेशन की जगह कंजर्वेशन और इग्नरेंस की जगह नॉलेज का प्रयोग करें, बदलते क्लाइमेट, बढ़ते समुद्र तल, एक्सट्रीम वेदर सिचुएशंस, हाई पावर कार्बन एमिशंस पर अब कार्य करने का समय है। उन्होंने सभी शोधार्थियों को प्रेरित किया कि वह अपने शोध में इस प्रकार के समस्याओं को शामिल कर उनका एक तर्कसंगत हल प्रस्तुत करने की कोशिश करें।

भविष्य की पीढ़ियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी: जिलाधिकारी

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे जिलाधिकारी रविन्दर कुमार ने अपने वक्तव्य में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से शोधार्थियों को समझाया कि समाज अब इस प्रकार के आविष्कारों के प्रति बड़ी जिज्ञासा से देख रहा है भविष्य की पीढ़ियां हमें माफ नहीं कर पाएंगे, यदि हम उनके लिए एक स्वस्थ वातावरण और सुंदर पृथ्वी देकर नहीं जाएंगे। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आर के सिंघई ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी की उन्नति का यह एक महत्वपूर्ण पैमाना है कि किस प्रकार हम यूएनओ द्वारा प्रस्तावित एसडीजी गोल्स को पूरा कर पाते हैं। हमारा हर प्रयास सस्टेनेबिलिटी के साथ होना चाहिए। हमें सदैव एक ऐसे मॉडल को लेकर आगे बढ़ना चाहिए, जो पर्यावरण को और हमारी जैविक संप्रदान को बिना नष्ट किए। हमें सुख सुविधाएं दे पाए पर्यावरण को दांव पर लगाकर किया गया कोई भी अविष्कार अब स्वीकार नहीं होना चाहिए।

कॉन्फ्रेंस चेयर प्रोफेसर कृष्णा रेड्डी शिकागो से कॉन्फ्रेंस में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े एवं सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया एवं इस प्रकार की संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला, उद्घाटन सत्र के पश्चात 4 प्रस्तुतीकरण सत्रों का आयोजन किया गया जिनमें लगभग 50 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों को हाइब्रिड मोड में प्रस्तुत किया। संगोष्ठी के सचिव प्रोफेसर डीके भट्ट ने सभी पधारे हुए ऑथर्स एवं रिसोर्स पर्सन्स का आभार दिया , कार्यक्रम का संचालन इंजी अंजली श्रीवास्तव ने किया।

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