Kannauj News: सदर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे अखिलेश यादव के करीबी अनिल दोहरे का निधन
Kannauj News: कन्नौज जिले के अनौगी क्षेत्र के रहने वाले पूर्व सपा विधायक अनिल दोहरे ने 2007 में कन्नौज सदर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बने थे।;
Former Samajwadi Party MLA from Kannauj Sadar Assembly seat Anil Dohra
Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अनिल दोहरे का आज लखनऊ में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार थे‚ हालत गंभीर होने पर उनको पीजीआई हॉस्पिटल लखनऊ में भर्ती कराया गया था। जहां आज शाम को उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गयी। वह सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बहुत करीबी विधायकों में रहे हैं। वह करीब 59 वर्ष के थे। काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। तबियत में सुधार न होने पर परिजनों ने लखनऊ पीजीआई हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान आज उन्होंने अंतिम सांस ली।
कांग्रेस शासन काल में मंत्री रहे बिहारी लाल के बेटे थे अनिल दोहरे
1985 में कन्नौज से चुनाव जीते कांग्रेस नेता बिहारी लाल दोहरे कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलकर अनिल दोहरे ने भी विधायक के पद पर लगातार तीन बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई थी। 2002 में सपा से कलियान सिंह दोहरे की जीत के बाद सदर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनवारी लाल दोहरे को हराकर 2007 में से लगातार तीन बार विधायक बने।
तीन बार लगातार सपा से विधायक रहे अनिल दोहरे
कन्नौज जिले के अनौगी क्षेत्र के रहने वाले पूर्व सपा विधायक अनिल दोहरे ने 2007 में कन्नौज सदर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बने थे। उसके बाद वह वर्ष 2012 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी महेन्द्र निम दोहरे को हराया। 2017 में भाजपा प्रत्याशी बनवारी लाल दोहरे को हराकर जीत हासिल की थी। इस तरह से उन्होनें लगतार तीन बार विधायक के पद पर चुनाव जीतकर समाजवादी पार्टी में अपनी एक अलग जगह बना ली थी।
पीछे छोड़ गये परिवार
10 फरवरी 1964 को कन्नौज जिले के अनौगी में जन्म लेने वाले सपा के पूर्व विधायक ने आज अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे अपनी पत्नी सुनीता दोहरे के साथ एक बेटा और एक बेटी को छोड़ कर इस दुनिया से अंतिम विदाई लेकर चले गये। सपा नेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि लख़नऊ से देर रात तक उनका शव उनके पैतृक गांव पहुँचेगा।