Kannauj News: सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना, बोले- सपा परिवारवाद की है पार्टी, जब्त होगी जमानत

Kannauj News: सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि भ्रष्टाचार हटाओ मगर यह घमंडिया गठबंधन कहता है कि भ्रष्टाचारियों को बचाओ। घमंडिया गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री पर चाहें जितना हमला कर लें, लेकिन वह रुकने वाले नहीं है।;

Update:2024-04-02 22:59 IST

Kannauj News (Pic:Newstrack)

Kannauj News: कन्नौज लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी और सांसद सुब्रत पाठक ने एक बार फिर अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी कहते है कि भ्रष्टाचार हटाओ मगर यह घमंडिया गठबंधन कहता है कि भ्रष्टाचारी को बचाओ। घमंडिया गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री पर चाहें जितने हमले कर लें, लेकिन वह रुकने वाले नहीं है। यह लोग केवल अपने परिवार को और अपने परिवार में जुड़े हुए भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए लगे हुए है लेकिन मोदी जी ने कहा है कि 140 करोड़ जनता उनका परिवार है और जिन्होंने भी देश को लूटा है, उनको लौटाना पड़ेगा यह मोदी की गारंटी है।

उन्होने आगे कहा कि यह घोटालेबाजों की बारात थी। यह सब देश को लूटना चाहते थे और यह भी चाहते थे कि इनके भ्रष्टाचार पर कोई चर्चा ही न हो। तो मतलब घोटाला हर रोज अपना बड़े चाव से करते है और यह भी चाहते है कि इस पर कोई एक्शन भी न हो। यह गठबंधन जनबंधन नही घटबंधन है और इसके अतिरिक्त गठबंधन कहां है। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी किस प्रकार से भ्रष्टाचार में लिप्त रही है सरकार में रहते हुए और भ्रष्टाचार के साथ ही साथ इनके परिवारवाद से भी उत्तर प्रदेश की जनता पीड़ित रही है। जो पार्टी कभी कांग्रेस और देश की सबसे भ्रष्टाचारी पार्टी कहा करती थी आज उसके साथ गठबंधन में है।

सनातन धर्म और रामचरित मानस पर आपत्तिजनक बयान देने के बावजूद समाजवादी पार्टी के मुखिया ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कोई कार्यवाही नही की है। अपने नाम में समाजवादी लेकर चलने वाली इस पार्टी के शीर्ष नेता को भी समाज और जनता की नही सिर्फ अपने परिवार की चिंता है। समाजवादी पार्टी के द्वारा अब तक घोषित सभी प्रत्याशियों में फिरोजाबाद से अपने चाचा के बेटे यानी अपने भाई अक्षय यादव को प्रत्याशी बनाया। बदायूं से दूसरे चाचा शिवपाल को प्रत्याशी बनाया।

मैनपुरी से अपनी पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया, आजमगढ़ से अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया और कन्नौज में उनके स्वयं लड़ने की चर्चा है। इसके अतिरिक्त कोई भी यादव उत्तर प्रदेश की किसी भी ऐसी सीट जहां के ऊपर यादव लड़ने की स्थिति में हो सकता है लेकिन सिर्फ परिवार के लोगो को ही टिकट दिया है। उनकी नजर में उत्तर प्रदेश में कोई भी यादव लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य ही नही है। यह परिवारवाद का दूसरा उदाहरण है।

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