Kanpur Dehat Fire Case: कानपुर हैवानियत पर बोले अखिलेश यादव, जलती लाशें प्रशासन की निर्लज्जता की कहानी
Kanpur Dehat Fire Case: अखिलेश यादव ने कहा कि पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोकना सरकार की मंशा को जाहिर करता है.
Kanpur Dehat Fire Case: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में अन्याय, अत्याचार चरम पर है। प्रशासन पूरी तरह बेरहम और अमानवीय हो चला है। सत्ता के अंहकार की अग्नि ने एक परिवार को भस्म कर दिया।
निर्दोषों की हत्या हो रही है। भाजपा ने बुलडोजर को अपनी गैरकानूनी ताकत दिखाने का प्रतीक बना लिया है। कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मैथा तहसील की मडौली पंचायत के चाहला गांव में एसडीएम, लेखपाल ने गरीब परिवार का घर बुलडोजर से ध्वस्त किया। आग लगने के कारण मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह घटना दिल दहलाने वाली है।
जलती लाशें प्रशासन की निर्लज्जता की कहानी कह रही
उन्होने कहा कि कानपुर देहात की दर्दनाक घटना में कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित, बेटी नेहा की जलकर मौत हो गई। परिवार के बेटे ने नाम लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी ठहराया है। यह बड़े अफसोस और क्षोभ की बात है कि जलते घर से मां-बेटी की चीखें आ रही थीं मौजूद अफसरान वहां से भाग खड़े हुए। जलती लाशें प्रशासन की निर्लज्जता की कहानी कहती है।
सपा नेताओं को रोकना सरकार की मंशा जाहिर करता है
अखिलेश यादव ने कहा कि पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोकना सरकार की मंशा को जाहिर करता है. सरकार शासन-प्रशासन भय और उत्पीड़न की प्रतीक बन गई। भाजपा सरकार का अंत बहुत ही निकट है।
किसानों को धोखा दे रही सरकार
भाजपा सरकार ने किसानों को फिर धोखा दिया है। भाजपा जबसे सरकार में आयी है लगातार किसानों को धोखा दे रही है। भाजपा सरकार ने गन्ने की कीमत न बढ़ाकर किसानों के साथ धोखे के साथ अन्याय भी किया है। भाजपा सरकार है ही धोखे की सरकार।
गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हो रहा
महंगाई के कारण गन्ने की उत्पादन लागत बढ़ गई है। किसान गन्ने की कीमत बढ़ाने की मांग कर रहा है। लेकिन भाजपा सरकार संवेदनहीन बनी हुई हैं। सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। किसानों का पिछले वर्ष का गन्ने का पूरा भुगतान भी नहीं किया गया है।
किसानों का जीवन बर्बाद कर रही सरकार
आज भी चीनों मिलों पर हजारों करोड़ रूपया बकाया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 14 दिन के भीतर गन्ना मूल्य के भुगतान का वादा किया था। समय पर भुगतान न होने पर ब्याज समेत भुगतान करने का नियम भी है। सरकार मिल मालिकों के साथ सांठगांठ कर किसानों के जीवन को बर्बाद कर रही है।
मंहगाई से गन्ना किसान परेसान
पूरे राज्य में गन्ना किसान खाद, दवाएं, डीजल की बढ़ी कीमतों को देखते हुए उम्मीद कर रहा था कि गन्ने का भी मूल्य बढ़ेगा। परन्तु सरकार ने गन्ना की कीमत समय से बढ़ाने का फैसला नहीं लिया। अब जब पेराई सत्र अंतिम दौर की ओर है तब सरकार ने घोषणा कर दी कि गन्ना मूल्य नहीं बढ़ेगा। पुराने मूल्य पर ही भुगतान किया जाएगा। यह किसानों के साथ छल और अन्याय है। अब किसान भी भाजपा सरकार को बड़ा झटका देने को तैयार है।