विकास दुबे कांड: अब हुआ ये चौंकाने वाला खुलासा, जानकर हो जाएंगे दंग

कानपुर के बिकरू में दो जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मुख्य साजिशकर्ता विकास दुबे अमर समेत कुछ और गुर्गों के साथ दिल्ली भाग गया था। दिल्ली से वह टैक्सी से फरीदाबाद पहुंच गया और वहां पर अपने रिश्तेदार अंकुर के घर छुप कर रहा।

Update:2020-10-10 11:55 IST
दो जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मुख्य साजिशकर्ता विकास दुबे अमर समेत कुछ और गुर्गों के साथ दिल्ली भाग गया था।

 

लखनऊ: कानपुर के विकास दुबे कांड को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे होते रहते हैं। अब इस बीच खबर है विकास दुबे की सत्ता पर उसके दो गुर्गों की नजर रहती थी। इन दोनों ही गुर्गों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। इसको लेकर फरीदाबाद में विकास दुबे और अमर दुबे में लड़ाई हुई थी।

इस झगड़े के बाद अमर कानपुर के लिए निकल लिया था। हमीरपुर में पुलिस ने उसे घेर लिया और एनकाउंटर में ढेर कर दिया। खबरों के मुताबिक एक अन्य गुर्गे प्रभात मिश्रा की नजर भी विकास की सत्ता पर रहती है। उसको भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया।

गुर्गों के साथ दिल्ली भाग गया था विकास

कानपुर के बिकरू में दो जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर गई थी। इसके बाद मुख्य साजिशकर्ता विकास दुबे अमर समेत कुछ और गुर्गों के साथ दिल्ली भाग गया था। दिल्ली से वह टैक्सी से फरीदाबाद पहुंच गया और वहां पर अपने रिश्तेदार अंकुर के घर छुप कर रहा। इस दौरान अमर भी उसके था।

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यहीं पर विकास की सत्ता को लेकर दोनों के बीच लड़ाई हुई थी। इसके बाद अमर दुबे उसे वहीं पर छोड़कर वापस कानपुर के लिए निकल आया। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब फरीदाबाद में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने रिश्तेदार अंकुर को पकड़ा। अंकुर से की गई पूछताछ को भी पुलिस ने चार्जशीट में शामिल किया है।

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अमर और विकास में हुई लड़ाई

फरीदाबाद में नाराज अमर ने विकास से कहा था कि हमसे इतना बड़ा कांड करवा दिया और अब अपनी गद्दी भी नहीं दोगे मझे। इसके साथ ही उसने यह भी विकास से कहा था कि अभी नई शादी हुई थी। पत्नी के जेल जाने की नौबत आ गई। मैं अब यहां नहीं रुक सकता। इतना कहकर वह वापस कानपुर वापस आने के लिए वहां निकल पड़ा।

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बताया जा रहा है कि प्रभात को विकास उत्तराधिकारी बनाना चाहता था। प्रभात के अंदर आपराधिक गुण था और उसका दिमाग भी तेज था। वह हर स्थिति को अपराध के नजरिये से देखता था। विकास कई बार उसके सुझाव को मान जाता था।

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