कानपुर एनकाउंटर: जानिए कौन है खूंखार हिस्ट्रीशीटर Vikas Dubey, जिसने UP Police को हिला कर रख दिया

उत्तर प्रदेश में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में देर रात हिस्ट्रीशीटर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया।

Update: 2020-07-03 03:48 GMT
यहां कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में देर रात हिस्ट्रीशीटर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया।

कानपुर: उत्तर प्रदेश में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में देर रात हिस्ट्रीशीटर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इस हमले में बिल्‍हौर के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। वहीं छह से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हे कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस से जिस बदमाश पकड़ने गई थी वह कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे है। विकास दुबे पर कई हत्याकांड का आरोपी है। इसके खिलाफ 60 से ज्यादा एफआईआऱ दर्ज है। वह साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्याकांड में मुख्य आरोपी है। विकास दुबे साल 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी शामिल था।

इसके अलावा उसके ऊपर कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्याकांड में जेल के भीतर रह कर साजिश रचने का आरोप है। इसके अलावा साल 2004 में हुई केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या में भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आरोपी है।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में देर रात हिस्ट्रीशीटर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इस हमले में बिल्‍हौर के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। फायरिंग में 6 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए हैं।

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विकास दुबे ने साल 2018 में अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला बोला था। उसने जेल में रहकर पूरी साजिश रची थी। जेल रहकर ही अपने चचेरे भाई की हत्या करा दी। इसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था।

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2002 में बसपा सरकार के दौरान इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में खौफ था। इस दौरान विकास दुबे ने जमीनों पर कई अवैध कब्जे किए। इसके अलावा जेल में रहते हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचयात भी लड़ा था और जीता भी था।

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