Kanpur News: गंगा किनारे बसे गांव बाढ़ के पानी में डूबे, हजारों परिवारों के घर नहीं जले चूल्हे, परिवार पलायन को मजबूर

Kanpur News: गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। बिठूर, परमट,शुक्लागंज तक गंगा विकराल हो चुकीं हैं। बाढ़ की चपेट में कई गांव आ चुके हैं। पांच गांव डूब गए हैं। वहीं कुछ गांवों में नावें चलने लगी हैं। जिससे गांवों के लोगों ने पलायन शुरू हो चुका है।

Update:2023-08-25 12:24 IST
Villages Near Ganges Submerged in Water Due to Heavy Rain, Kanpur

Kanpur News: गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। बिठूर, परमट,शुक्लागंज तक गंगा विकराल हो चुकीं हैं। बाढ़ की चपेट में कई गांव आ चुके हैं। पांच गांव डूब गए हैं। वहीं कुछ गांवों में नावें चलने लगी हैं। जिससे गांवों के लोगों ने पलायन शुरू हो चुका है। बाढ़ जैसी स्थिति बनने पर इन गांवों में सेना पहुंची और आकस्मिक स्थिति में किए जाने वाले इंतजामों की जानकारी ली।

कटरी की लोधवाखेड़ा पंचायत का आखिरी गांव चैनपुरवा डूब गया है। यहां जो लोग झोपड़ियों में रह रहे थे वह बैराज पर बंधे के किनारे चले गए हैं। पक्के मकान में रहने वालों ने छतों पर शरण ले ली है। वहीं प्रशासन ने सभी से गांव खाली करने की अपील की है। ख्योरा कटरी के गांव भगवानदीनपुरवा, भोपालपुरवा, दुर्गापुरवा और गिल्लीपुरवा भी डूब गए हैं। लछमनपुरवा, मक्कापुरवा, पुराना डल्लापुर, बनियापुरवा, चंदीपुरवा, भारतपुरवा, शिवदीनपुरवा, चिरान, पिपरिया, किशोरीगंज और डेहरीपुरवा पूरी तरह बाढ़ से घिर चुके हैं।

6000 परिवार कटरी के गांवों में करता है निवास

कटरी में करीब 6000 परिवार निवास करता है। वहीं बाढ़ के पानी से हजारों परिवार कटरी में प्रभावित है। गंगा 25 सेंटीमीटर खतरे के निशान से दूर रह गई हैं। यदि बारिश ने भीषण बारिश का रुप ले लिया तो और गांव भी डूब जायेंगे। जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

बाढ़ में फंसे मवेशी

ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पानी में मवेशी फंसे हुए है। जानवरों को चारा नहीं मिल पा रहा है। जिससे काफी दिक्कत हो रही है। वहीं फसलें भी चौपट हो गई है। काफी नुकसान हो रहा है। हरी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई ही। जब कमाने का समय आया तो बाढ़ के पानी ने पूरी मेहनत चौपट कर दी। अब सब ईश्वर के सहारे है।

हजारों परिवार हुए पलायन

बाढ़ में करीब एक हज़ार से ज्यादा परिवार फंसे हुए हैं। परिवारों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। गांव से लोग नाव के सहारे बाहर आ रहे है। बाढ़ के पानी से घर की ग्रस्थी चौपट हो चुकी हैं। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाल में ही हमने अपना मकान बनाया था। मेहनत की कमाई पानी में बह गई।

रोड किनारे लोगों ने ली शरण

बाढ़ से प्रभावित लोग रोड किनारे त्रिपाल डाल कर अपना सहारा बनाएं है। वहीं रोड किनारे मवेशी भी बांध लिए है। खाने पीने में कुछ समस्या बन रही है। यदि बारिश और हुई तो रोड किनारे भी बसर नहीं होगी। ये बाढ़ चार साल पहले भी आई थी। जिससे बाढ़ में काफी घर डूब गए थे।अब रोड पर न तो बिजली की व्यवस्था है और न पीने के पानी की।

रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया बैराज से

शुक्रवार को रिकॉर्ड 4.21 लाख क्यूसेक पानी गंगा बैराज से छोड़ा गया, जिसका असर डाउन स्ट्रीम के साथ ही शुक्लागंज और प्रयागराज तक पड़ेगा। बैराज के अप स्ट्रीम में 114.75 मीटर तक गंगा का जलस्तर पहुंच चुका है। डाउन स्ट्रीम में जलस्तर 114.55 मीटर है। नरौरा, हरिद्वार से भी भारी मात्रा में पानी आ रहा है।

रोड पर कोई नहीं है शौचालय

यहां दूर-दूर तक शौचालय नहीं हैं। नगर निगम से मोबाइल टॉयलेट भी मंगाने में प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाढ़ में फसे भगवानदीन पुरवा गांव के 22 परिवार के 118 सदस्य बैराज हाईवे पर पॉलीथीन के नीचे डेरा डाले हुए हैं।अभी तक बाढ़ चौकी स्थापित नहीं हुई जबकि डीएम ने इसके सख्त निर्देश दिए थे।

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