कानपुर: महाराष्ट्र के वर्धा में केंद्रीय आयुध डिपो (ऑर्डिनेंस डिपो) में लगी भीषण आग में कानपुर के भी एक जवान शहीद हो गया थे। घटना की जानकारी होते ही परिवार और रिश्तेदारों में मातम छा गया और घर पर लोगों का जमावड़ा लग गया।
गुरुवार दोपहर तिरंगे में लिपटा जब शहीद सत्य प्रकाश का पार्थिव शरीर उनके घर पंहुचा तो चारों तरफ शहीद सत्यप्रकाश अमर रहे के नारे लगने लगे। पूरे मोहल्ले में गम का माहौल था। सभी सत्य प्रकाश के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे थे। जब शहीद का शव घर पंहुचा तो लोगों ने फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी।
-शहीद पति का शव देख पत्नी गीता सिंह बेहोश हो गई और बच्चे बिलख-बिलख कर रोते रहे। हजारो की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। शहीद का अंतिम संस्कार कानपुर के भैरव घाट पर किया गया जहां उनको असम रेजिमेंट के जवानों ने गार्ड आफ ऑनर दिया।
-शहीद सत्यप्रकाश सिंह के पार्थिव शरीर को पहले दिल्ली लाया गया। इसके बाद लखनऊ से बाई रोड उनके आवास श्याम नगर ले जाया गया। सत्यप्रकाश के पार्थिव शरीर को घर पर एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
बिटिया बोली-मेरे पापा बहुत बहादुर थे मुझे उनपर नाज है
शहीद सत्य प्रकाश के बेटे ऋषभ और दीक्षा ने कहा कि पापा आप ने वादा किया था कि इस बार गर्मी की छुट्टियों में घूमने चलेंगे। रोते हुए बच्चे कहने लगे कि अब किसके साथ जाएंगे। दीक्षा ने कहा मेरे पापा बहुत ही बहादुर थे मुझे उन पर नाज है।
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शहीद सत्यप्रकाश के बड़े भाई ने कहा
-शहीद सत्य प्रकाश के बड़े भाई रिटायर्ड मेजर धनीराम ने बताया कि जब आयुध डिपो में आग लगी तो सत्यप्रकाश अपनी ड्यूटी खत्म कर चुके थे।
-आग लगने के बाद वह लोगों को बचाने के लिए डिपो के अंदर चले गए गए थे। तभी सत्य प्रकाश वहां पर हुए एक धमाके की चपेट में आ गए।
-जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने बहादुरी का परिचय देते हुए अपने प्राण न्योछावर किये हैं।
-उन्होंने कहा कि सत्यप्रकाश के बेटे ने टेक्निकल से बीटेक किया है। उसे सत्यप्रकाश की जगह नौकरी मिलनी चाहिए। इसके लिए हम उच्च अधिकारियों से बात करेंगे।
मोहल्ला वासियों ने कहा आज हम धन्य हो गए
-दीनानाथ पाण्डेय का कहना है कि आज हमारे मोहल्ले में शहीद का शव आया है। आज हमने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पण किया है। मै अपने आप को बड़ा धन्य मान रहा हूं।
डीएससी में सिपाही थे सत्यप्रकाश सिंह
-चकेरी के श्याम नगर में रहने वाले सत्यप्रकाश के परिवार में पत्नी गीता सिंह, बेटी दीक्षा और एक बेटा ऋषभ है।
-सत्यप्रकाश सिंह डीएससी (डिफेन्स सिक्योरिटी कोर) में सिपाही थे।
-बुधवार को आर्मी रेजिमेंट से उनके घर में फोन आया कि सत्यप्रकाश हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
-जब परिजनों ने उनके बारे पता लगाया तो उन्हें सत्य प्रकाश की मौत की सूचना मिली।