बिकरू कांड: विकास दुबे पर चौंकाने वाला खुलासा, सवालों के घेरे में पुलिस
पुलिस सूत्रों की माने तो जहां बिकरू कांड की गूंज पूरे देश व प्रदेश में गूंज रही थी जगह जगह पर अपराधी विकास दुबे के पोस्टर लगाए जा रहे थे।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर में हुए बिकरू कांड के बाद से रोज ना रोज एक नया खुलासा हो रहा है। कुछ दिन पूर्व अपराधी विकास दुबे के मददगारों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था और उनसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी, जिसमें कई चीजें चौंकाने वाली सामने आई है और कानपुर पुलिस के साथ-साथ कानपुर देहात पुलिस भी सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है।
सवालों के घेरे में पुलिस
पुलिस सूत्रों की माने तो जहां बिकरू कांड की गूंज पूरे देश व प्रदेश में गूंज रही थी जगह जगह पर अपराधी विकास दुबे के पोस्टर लगाए जा रहे थे। उसके गिरफ्तारी के लिए टीम चप्पे-चप्पे पर छापेमारी कर रही थी तो वही रसूलाबाद में आराम से अपराधी विकास दुबे अपने साथियों के साथ खुलेआम घूम रहा था और सड़कों पर तैनात कानपुर देहात के थाना रसूलाबाद की पुलिस चौराहों पर खड़े होने के बाद भी अपराधी विकास दुबे को पहचान नहीं पा रही थी।
जबकि अपराधी विकास दुबे का दबदबा सर्वाधिक कानपुर नगर वह देहात में ही था और शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो अपराधी विकास दुबे को जानता व पहचानता ना हो। उसके बाद भी अपराधी विकास दुबे रसूलाबाद में खुलेआम घूमता रहा और 3 दिनों के बाद रसूलाबाद से वह निकल गया। जिसको लेकर कहीं ना कहीं कानपुर देहात के थाना रसूलाबाद के तत्कालीन थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी की अब सवालों के घेरे में आ गई है।
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3 दिनों तक बेखौफ घूमते रहा विकास
पुलिस सूत्रों की माने तो एसटीएफ के द्वारा विकास के मददगार रहे लोगों ने पूछताछ में बताया है कि घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी विकास दुबे रसूलाबाद में रहने वाले रामजी के घर पर अपराधी विकास दुबे अपने भतीजे अमर दुबे व प्रभात मिश्रा के साथ अचानक पहुंच गए थे। उन सभी के पास कुछ हथियार छोड़कर और कुछ भी नहीं था। थोड़ा आराम करने के बाद विकास दुबे ने कपड़े बदलने के लिए कहा, लेकिन रामजी के पास घर में विकास दुबे के हिसाब से कपड़े नहीं थे जिसके लिए विकास दुबे ने मार्केट जाकर कपड़े लाने के लिए प्रभात से बोला।
प्रभात मोटरसाइकिल से रसूलाबाद मार्केट में आराम से लगभग 1 घंटे घूमने के बाद कपड़े लेकर वापस चला आया। कपड़े पहनने के बाद अपराधी विकास दुबे भी रसूलाबाद मार्केट से अंडरगारमेंट के साथ साथ रोजमर्रा का सामान खरीदा और तो और एक होटल पर खड़े होकर सभी ने चाय भी पी। उसके बाद अपराधी विकास दुबे और उसके सभी साथी वापस घर आ गए। पर लगभग 3 दिनों तक अखबारों व टीवी के माध्यम से वह घटना के बारे में सुनता हुआ देखता रहा। इस दौरान कई बार उसने रसूलाबाद बाजार में जाकर सामान भी खरीदा और फिर अचानक एक दिन रात में विकास दुबे ने पहचान छिपाने के लिए घर में रखे कुर्ते को पहन लिया और साफा बांधकर खुद को जय गुरुदेव के अनुयायी की तरह बना लिया और घर से चला गया।
सवालों के घेरे में रसूलाबाद पुलिस
पुलिस सूत्रों की माने तो इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद 3 दिनों तक रसूलाबाद में आराम से अपराधी विकास दुबे बना रहा जबकि कोरोना महामारी के चलते जुलाई के समय में ज्यादातर पुलिस हर चौराहे चौराहे पर तैनात थी। उसके बाद भी ना तो किसी आम आदमी ने उसे पहचाना और ना ही पुलिस वाले उसे पहचान सके किसके पीछे की क्या वजह है। इसको लेकर तत्कालीन समय में थाने में मौजूद रहे पुलिसकर्मियों पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो जल्द ही जुलाई में रसूलाबाद थाने में तैनात रहे पुलिस कर्मियों से भी विभागीय पूछताछ हो सकती है।
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क्या था मामला
कानपुर के चौबेपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई 2020 की देर रात को दबिश पर गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद ही विकास दुबे रात में ही भागकर अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह के बाद ही मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी एसटीएफ के सुपुर्द किया था।मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया था।जबकि उसके कई साथी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस मामले में 36 लोग जेल में हैं और वही कुछ दिन पूर्व एसटीएफ ने अपराधी विकास दुबे के मददगार को भी गिरफ्तार कर लिया है।
रिपोर्ट - अवनीश कुमार
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