जय वाजपेयी पर बड़ा खुलासा: विधायक का पास लगी गाड़ी से सचिवालय में करता था एंट्री

कानपुर एनकाउन्टर में मारे गये दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे है। काकादेव पुलिस ने जय वाजपेयी की जिन तीन गाड़ियों को कब्जे में लिया है।

Update: 2020-07-22 03:19 GMT

लखनऊ: कानपुर एनकाउन्टर में मारे गये दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे है। काकादेव पुलिस ने जय वाजपेयी की जिन तीन गाड़ियों को कब्जे में लिया है।

उनमें से एक पर विधायक के नाम से जारी होने वाला पास चस्पा है। बताया जाता है कि इस पास लगी कार का इस्तेमाल जय विकास दुबे को सचिवालय में बेरोक-टोक लाने और ले जाने के काम में करता था।

पुलिस अब जांच में जुट गई है कि आखिर ये किस विधायक के नाम से जारी हुआ पास है। जिसका विकास दुबे अपने अनैतिक कार्यों में इस्तेमाल करता था।

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शहर के दो विधायकों से जय के करीबी रिश्ते

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के दो विधायकों से जय बाजपेयी के बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं। ये कौन विधायक हैं, जिसने एक हिस्ट्रीशीटर के खजांची को अपने नाम से कार का पास बनवा दिया? पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

बताते चलें कि काकादेव पुलिस ने पांच जुलाई की सुबह उसकी तीन कारें विजय नगर चौराहे पर लावारिस हाल में खड़ी पाई थीं। सबकी नंबर प्लेट गायब थी। एसटीएफ और पुलिस टीम से जय बाजपेयी ने बताया था कि तीनों कारें उसी की हैं, लेकिन परिचितों के नाम पर फाइनेंस कराई हुई हैं।

जय बाजपेयी के पास से पकड़ी गई कारों में ऑडी प्रमोद विश्वकर्मा, वरना कपिल सिंह और फॉर्च्यूनर राहुल सिंह के नाम कानपुर आरटीओ दफ्तर में पंजीकृत हैं। राहुल सिंह मकान नंबर 193/243 चकरपुर रतनपुर का निवासी है।

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विकास के सहयोगी के नाम पर है पास लगी गाडी

उसे जय का कारोबारी सहयोगी बताते हैं। उसी की फॉर्च्यूनर (यूपी 78 ईडब्ल्यू 7070) में विधायक और विधानसभा सचिवालय का पास चस्पा है। 0828 सचिवालय नंबर वाला यह पास दिसंबर 2020 तक मान्य है। तीनों कारें 15 दिन से काकादेव थाने में खड़ी हैं।

वही एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि कि तीनों कारें जय बाजपेयी ने अपनी ही बताई थीं। उनकी जांच की जाएगी। कार में लगे विधायक के पास को भी जांचा-परखा जाएगा।

विकास और जय से जुड़े प्रकरण से जिसका भी रिश्ता निकलेगा, उससे पूछताछ की जाएगी। विकास को सुरक्षित भगाने का था मकसद : काकादेव थाने की पुलिस ने बताया कि जय बाजपेयी अपने आका विकास दुबे को फरार होने के लिए ही तीनों कारें वहां लाया था। पुलिस को भनक लगने के कारण छोड़कर भाग गया था। विधायक का कार पास लगी गाड़ी को कोई रोकता टोकता नहीं और विकास दुबे सुरक्षित ठिकाने पहुंच जाता। लेकिन इस बार उसकी चालाकी नहीं चल पाई।

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