Kasganj News: खनन माफिया ने ले ली मेरे पिता की जान, काले कारोबार पर अफसर मौन क्यों
Kasganj News: खनन माफियाओं के प्रभाव और प्रशासन से सांठगांठ होने के कारण इनके विरुद्ध कोई भी ग्रामबासी भय की बजह से नहीं बोलता है। जब चाहे अधिकारी आकर देख लें कि खुलेआम बालू खनन हो रहा है और डंपर से भरकर बाहर ले जाते हैं।
Kasganj News: उत्तर प्रदेश के योगीराज में जहां सरकार और उसके नुमाइंदे कानून के राज, अपराधियों के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की नीति, माफिया के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की तमाम दलीलें जनता को दी जा रही हैं, पर अंदर खाने में कुछ राज़ दफन हैं, जो योगीजी की अवैध कार्यों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश के बावजूद कासगंज का जिला प्रशासन कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव के चलते अवैध कार्यों में संलिप्त माफिया के विरुद्ध खुलकर कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। इस राज़ का पर्दाफाश तब हुआ जब कासगंज जनपद में तेज गति से चल रहे अनियंत्रित डंपर की टक्कर से एक ग्रामीण की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक की पहचान सुरेश चंद्र पुत्र भोजराज उम्र लगभग 55 वर्ष निवासी ग्राम गंगपुर थाना सहावर के रूप में की गई।
घटना की सूचना पुलिस द्वारा परिजनों को दी गई है, सूचना के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मृतक के पुत्र देवीदास ने अपने पिता की मौत का ऐसा कारण बताया कि सभी सकते में आ गए। मीडिया को जानकारी देते हुए देवीदास ने बताया कि उसके गांव के पास से लगभग दो महीने से लगातार रेत माफिया बृजेश यादव खनन करवा रहा है। क्षेत्र में दिन रात अवैध खनन को कराकर डंपर से बालू को निकाल कर ले जाया जा रहा हैं। डंपर कई कई चक्कर लगाते हुए निकलते हैं। इनकी स्पीड काफी अधिक होती है, जिससे इनके निकलने के रास्ते पर कोई नहीं जाता है। इन्हीं अवैध बालू के खनन में संलिप्त डंपर चालक ने मेरे पिता सुरेश चंद्र पुत्र भोजराज निवासी गंगपुर को उस समय सड़क पर रौंद दिया, जब वो जलालपुर गांव से घर की और बापस आ रहे थे। बालू का डंपर तेज गति से सोरों की तरफ से खदान की और खाली जा रहा था, टक्कर तेज़ होने के कारण पिता की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
देवीदास ने कहा कि मेरी सरकार से मांग है कि हम सभी परिजनों को इस घटना में न्याय मिले और क्षेत्र में हो रहे अवैध बालू खनन के काले कारोबार को तत्काल बन्द कराकर, इन बालू माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए, जिससे और कोई दुःखद घटना दुबारा क्षेत्र मे न घटे, किसी और परिवार के बेकसूर को इन माफियाओं के काले कारोबार के चलते अपनी जान न देनी पड़े। खनन माफियाओं के प्रभाव और प्रशासन से सांठगांठ होने के कारण इनके विरुद्ध कोई भी ग्रामबासी भय की बजह से नहीं बोलता है। जब चाहे अधिकारी आकर देख लें कि खुलेआम बालू खनन हो रहा है और डंपर से भरकर बाहर ले जाते हैं।
घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस से शव को ले जाकर ग्रामीणों ने वहाँ रखा जहां डंपर, जेसीबी और अन्य उपकरण घटना के साक्ष्य दिखा रहे हैं कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप कितने सच्चे है, पर शायद जिले के खनन अधिकारियों को ये सब नहीं दिख रहा है उनकी भी शायद कोई मजबूरी रही होगी वरना इतना सब देखने के बावजूद इन माफियाओं पर कोई कार्यवाही अमल में क्यों नहीं लाई जा रही है।