PM Modi in Varanasi: काशी-तमिल संगमम में बोले PM मोदी- यहां की गलियों में मिलेंगे तमिल संस्कृति के मंदिर

PM Modi in Kashi Tamil Sangamam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में पीएम ने काशी और तमिल संस्कृति में समानता पर कई बातें कही।

Written By :  Anshuman Tiwari
Report :  Durgesh Sharma
Update:2022-11-19 16:23 IST

प्रधानमंत्री मोदी काशी-तमिल संगमम में दक्षिण भारतीय परिधान में दिखे (Social Media)

PM Modi in Kashi Tamil Sangamamप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (19 नवंबर) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ किया। काशी से तमिलनाडु के पुराने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया गया है। बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में आयोजित इस आयोजन को लेकर काशी के लोगों में भारी उत्साह दिखा। वाराणसी पहुंचने के बाद उत्तर-दक्षिण की संस्कृति को एकाकार करने वाले काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया। 

इस भव्य समारोह के दौरान तमिलनाडु के प्रमुख मठ मंदिरों के अधीनम (महंत) को सम्मानित किया गया। आयोजन में हिस्सा लेने के लिए तमिलनाडु से बड़ी संख्या में गणमान्य लोग काशी पहुंचे। प्रधानमंत्री तमिलनाडु से आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल छात्रों के साथ संवाद भी किया। शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित काशी-तमिल संगमम 16 दिसंबर तक चलेगा। खबर से जुड़े सभी अपडेट्स :

...मगर, दुर्भाग्य से ऐसा हो न सका

काशी-तमिल संगमम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने निराशा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था। इस देश को एकता के सूत्र में पिरोना था, मगर दुर्भाग्य से ऐसा हो न सका। इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किए गए। लेकिन, काशी तमिल संगमम इस संकल्प के लिए एक प्लेटफार्म बनेगा। जो राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा।'

PM मोदी- तमिल दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा

पीएम ने बताया, 'हमारे पास दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है। ये भाषा आज भी उतनी ही लोकप्रिय है। ये हम 130 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी है कि हमें तमिल की इस विरासत को संजोना है। उसे बचाकर रखना है। उसे और समृद्ध भी बनाना है। उन्होंने कहा, हमें अपनी संस्कृति, अध्यात्म का भी विकास करना है।' 

'काशी की गलियों में मिलेंगे तमिल संस्कृति के मंदिर'

काशी-तमिल संगमम में प्रधानमंत्री ने कहा, 'काशी और तमिलनाडु का प्राचीन काल से ही रिश्ता रहा है। इसके प्रमाण काशी की गलियों में मिलेंगे। यहां आपको तमिल संस्कृति के मंदिर (Temples of Tamil Culture) मिलेंगे। हरिश्चंद्र घाट (Harishchandra Ghat) और केदार घाट (Kedar Ghat) पर 200 से ज्यादा वर्ष पुराने मंदिर हैं।'


प्रधानमंत्री ने जोड़ा काशी-तमिलनाडु का रिश्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूरे संबोधन में काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक रिश्तों, संस्कृति और सभ्यता की बातें की। उन्होंने कहा, 'ये दोनों जगह कालातीत केंद्र हैं। दोनों क्षेत्र संस्कृत तथा तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र रहे हैं।'

यही 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना है

पीएम ने कहा, आज भी तमिल विवाह परंपरा (Tamil Wedding Tradition) में 'काशी यात्रा' का जिक्र होता है। यह तमिलनाडु के दिलों में काशी के प्रति प्रेम है। यही 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना है जो प्राचीन काल से अब तक अनवरत बरकरार है।'

पीएम बोले- काशी-तमिलनाडु ऊर्जा और ज्ञान के केंद्र

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में आगे कहा, कि काशी और तमिलनाडु दोनों जगह संगीत (Music), साहित्य (Literature) और कला (Art) के स्त्रोत हैं। काशी में जहां बनारसी साड़ी मिलेगी, तो कांचीपुरम का सिल्क विश्व विख्यात है। तमिलनाडु संत तिरुवल्लुवर की पूज्य धरती है। दोनों ही जगह ऊर्जा और ज्ञान के केंद्र हैं।

'काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय-शक्तिमय'

उन्होंने कहा, एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है। वहीं, दूसरी तरफ भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र हमारा तमिलनाडु। तमिल संस्कृति महान है। काशी-तमिल संगमम पर पीएम ने कहा, ये संगम भी गंगा-यमुना के संगम जितना ही पवित्र है। काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं। दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी (Kashi) है, तो तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 'दक्षिण काशी' है। काशी-कांची (Kashi-Kanchi) के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है।'

PM मोदी- देश में संगमों का बड़ा महत्व, यह अद्वितीय है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, 'हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारधाराओं के संगम तक। ज्ञान-विज्ञान से लेकर समाजों तथा संस्कृतियों के संगम तक का हम जश्न मनाते हैं। इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है। यह अद्वितीय है।'


PM मोदी- हर-हर महादेव, वणक्कम काशी 

काशी-तमिल संगमम में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने आए तो लोगों का उत्साह सातवें आसमान पर था। अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने हर-हर महादेव, वणक्कम काशी और वणक्कम तमिलनाडु बोलकर की। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार, तमिलनाडु सरकार, काशी विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।   

इलैयाराजा और उनके शिष्यों ने दी प्रस्तुति 

तमिल के सुप्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा और उनके शिष्य ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने ऊँ, गणेश, शिव, शक्ति समेत अन्य देवगणों का मंत्रोच्चार के साथ आह्वान किया। इस स्वरांजलि की प्रस्तुति ने वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी सहित तमाम गणमान्य लोगों ने ताली बजाकर उत्साहवर्धन किया। 

विशेष राग का वादन

काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले मंच पर विशेष राग में शहनाई का वादन हुआ। शहनाई वादक कासिम और बाबू के साथ तमिल कलाकारों ने संगत की। 


काशी तमिल संगमम का औपचारिक शुभारंभ

इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी तमिल संगमम का रिमोट दबाकर औपचारिक शुभारंभ किया। संगमम के आयोजन से संबंधित एक शॉर्ट फिल्म को दिखाया गया। साथ ही, तमिल सहित 13 भाषाओं में लिखी धार्मिक पुस्तक तिरुक्कुरल और काशी-तमिल संस्कृति पर लिखी किताबों का पीएम मोदी ने विमोचन किया।

'भगवान शिव के मुंह से निकली थी तमिल और संस्कृत'

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आगे कहा, 'काशी और तमिलनाडु में धर्म, ज्ञान और संस्कृति के एक ही तत्व हैं। दोनों की संस्कृति काफी प्राचीन है। यही इसे विशेष बनाती है। उन्होंने कहा, यह मान्यता है कि भगवान शिव के मुंह से जो दो भाषाएं निकलीं, वह तमिल और संस्कृत थीं। सीएम ने कहा, काशी तमिल संगमम के आयोजन से तमिलनाडु के अतिथि उत्तर और दक्षिण के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेंगे। इस आयोजन से तमिलनाडु के लोग काशी और यूपी की समृद्धता के बारे में जानेंगे।' 

CM योगी- वणक्कम..नमस्कारम और हर-हर महादेव

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ काशी तमिल संगमम के मंच पर आये। उन्होंने उपस्थित गणमान्य लोगों का अभिवादन किया। सीएम योगी ने अपने संबोधन की शुरुआत 'वणक्कम..नमस्कारम और हर-हर महादेव' से की। उन्होंने राज राजेश्वर की नगरी में 'काशी तमिल संगमम' के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया। सीएम योगी के संबोधन का तमिल भाषा में भी अनुवाद किया जा रहा है। 

'तमिल और काशी के बीच संबंध बहुत पुराना'

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में आगे कहा, 'तमिल और काशी के बीच संबंध काफी पुराना है। धर्म, संस्कृति तथा शिक्षा की यह दो नगरी बहुत खास है। आजादी के 'अमृत काल' महोत्सव को यह आयोजन जीवंत कर रहा है। तमिलनाडु में तेनकाशी नामक एक स्थान है जिसका मतलब दक्षिण का काशी है।' 


काशी तमिल संगमम का शुभारंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक महीने तक चलने वाले काशी तमिल संगमम समारोह का शुभारंभ किया। उद्घाटन समारोह से पहले प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु से आए शैव मठाधीशों के समूह से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी के पहनावे ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने इस अवसर पर काशी तमिल संगमम पर आधारित लघु फिल्म और काशी-तमिल को जोड़ने वाली दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल मुरुगन, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यसभा सांसद इलैयाराजा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, यूपी गवर्नर आनंदीबेन पटेल सहित कई अन्य हस्तियां मौजूद रहीं।


दक्षिण भारतीय रंग में रंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने काशी तमिल संगमम के लिए खास पोशाक पहनी। पीएम मोदी के ड्रेस ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। पीएम मोदी ने तमिलनाडु का पारंपरिक वस्त्र (सफेद शर्ट और लुंगी) धारण किया। कांधे पर गोल्डन-व्हाइट गमछा भी रखा। 

BHU में गूंजा 'वणक्कम-वणक्कम' 

काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही पहुंचे, वहां मौजूद लोगों ने 'वणक्कम-वणक्कम' यानी नमस्ते की आवाज गूंज उठी। समारोह में पहुंचे तमिलनाडु के पर्यटकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। तमिलनाडु से आए नेताओं ने पीएम मोदी का अभिवादन किया।

पीएम मोदी की पहल पर आयोजन

उत्तर और दक्षिण भारत के इस महामिलन से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी बम-बम नजर आ रही है। 2014 में पीएम मोदी के काशी से सांसद चुने जाने के बाद महादेव की नगरी में कई बड़े आयोजन होते रहे हैं। इसी कड़ी में अब पीएम मोदी की पहल पर काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया गया है। पीएम मोदी आज दोपहर दो बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर से सीधे बीएचयू हेलीपैड पहुंचेंगे। इस मौके पर काशी से तमिलनाडु के अटूट रिश्ते पर प्रदर्शनी व मेले का भी आयोजन किया गया है। पीएम मोदी इसका भी शुभारंभ करेंगे।

मिनी तमिलनाडु बना आयोजन स्थल

आयोजन में हिस्सा लेने के लिए तमिलनाडु से प्रतिनिधियों का एक बड़ा दल काशी पहुंच चुका है। इस आयोजन की इतनी जोरदार तैयारियां की गई हैं कि एंफीथियेटर मैदान पूरी तरह से मिनी तमिलनाडु में तब्दील हो चुका है। आयोजन में हिस्सा लेने वाले मेहमानों का काशी और तमिल संस्कृति के अनुसार स्वागत किया जाएगा। मुख्य पंडाल के किनारे छोटे-छोटे स्टाल भी लगाए गए हैं जिसमें दोनों प्रदेशों के प्रमुख उत्पाद और खाद्य सामग्रियां मिलेंगी।

इसके साथ ही लोगों को उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति, साहित्य, संगीत व अन्य विधाओं की झलक भी देखने को मिलेगी। आयोजन के लिए पूरे प्रांगण को रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया है।

बाबा के दरबार में पहुंचे तमिल अधीनम

इस बड़े आयोजन में हिस्सा लेने के लिए तमिलनाडु के नौ अधीनम शुक्रवार को ही काशी पहुंच गए। तमिलनाडु से आए अधीनम ने शुक्रवार की शाम बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। बाबा के दरबार में स्वस्तिवाचन डमरु दल और फूलों की बरसात से तमिलनाडु से आए अतिथियों का जोरदार स्वागत किया गया।

तमिलनाडु से आए इन धर्मगुरुओं ने बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन करने के साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भ्रमण भी किया। काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता से वे अभिभूत नजर आए। उन्होंने काशी-तमिल संगमम के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे उत्तर व दक्षिण को जोड़ने में मदद मिलेगी।

काशी विश्वनाथ धाम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन धर्मगुरुओं का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने रिश्ते को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। इस आयोजन के माध्यम से महाकवि सुब्रमण्यम भारती को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी।

तमिलनाडु के प्रतिनिधियों का जोरदार स्वागत

काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने के लिए तमिलनाडु से प्रतिनिधियों के आने का सिलसिला पहले ही शुरू हो चुका है। तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों का स्टेशन और एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया जा रहा है। शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे तमिल प्रतिनिधियों का स्टेशन पर स्वागत करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खुद मौजूद थे। डमरुओं की निनाद और हर-हर महादेव के उद्घोष से बनारस स्टेशन परिसर गूंज उठा। शुक्रवार को तीन कोच से 216 यात्रियों का दल काशी पहुंचा। काशी में किए गए भव्य स्वागत से तमिलनाडु के प्रतिनिधि अभिभूत दिखे।

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