KGMU के शोध में खुलासा: कम विटामिन-डी वाले ब्लड कैंसर के मरीजों की मृत्य दर अधिक, 73 मरीज़ों पर हुई रिसर्च
KGMU के शोध में खुलासा: राजधानी के KGMU के क्लीनिकल हिमैटोलॉजी विभाग में ब्लड कैंसर के मरीजों में विटामिन-डी पर किये गये शोध में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये हैं।
Lucknow: राजधानी के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के क्लीनिकल हिमैटोलॉजी विभाग (Department of Clinical Hematology) में ब्लड कैंसर (blood cancer) के मरीजों में विटामिन-डी (vitamin D) पर किये गये शोध में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये हैं। बता दें कि विटामिन डी का हमारे स्वास्थ्य के लिए बड़ा महत्व है। विभिन्न प्रकार के कैंसर के विरूद्ध प्रतिरोधी क्षमता उत्पन्न करने में इसका अहम योगदान है। और यह सम्भव है कि शरीर में विटामिन डी की कमी होने का कैंसर के उपचार (cancer treatment) की सफलता पर प्रभाव पड़ता हो।
73 मरीज़ों पर हुई रिसर्च
क्लीनिकल हिमैटोलॉजी विभाग में डॉ. एके त्रिपाठी, एसपी वर्मा और शोध छात्रा श्वेता की टीम ने एक तरह के कैंसर 'एक्यूट ल्यूकोमिया' (Acute Leukemia) के 73 मरीजों में इलाज के पूर्व विटामिन डी के लेवेल का परीक्षण किया और कीमोथेरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया।
विटामिन-डी वाले मरीज़ों की मृत्यु दर अधिक
80 प्रतिशत मरीजों में रक्त में विटामिन डी की मात्रा (<20mg/ml) कम पाई गयी। यह देखा गया कि जिन मरीजों में विटामिन डी का लेवेल सामान्य था, उनमें कीमोथेरेपी (chemotherapy) का प्रभाव विटामिन-डी की कमी वाले मरीजों की अपेक्षा अच्छा था। यह भी देखा गया कि रोग कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से कम विटामिन-डी वाले मरीजों में मृत्यु दर ज्यादा थी। यह अध्ययन इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है कि अपने देश में विटामिन डी की कमी व्यापक रूप से मौजूद है, जिसका निराकरण करना सेहतमन्द रहने के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
अब आगे आवश्यकता यह देखने की है क्या ब्लड कैंसर की दवा के साथ-साथ विटामिन डी देने से कैंसर के उपचार की सफलता में लाभ होता है या नहीं। यह शोध पत्र अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित जनरल "Nutrition and cancer" में मई 2022 में प्रकाशित हुई है।