खादी एवं ग्रामोद्योग 50 करोड़ मास्क बनाने का कर रहा काम

प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग, सिविल एविएशन, टूरिज्म, एग्रो एण्ड फूड प्रोसेसिंग, रिन्यूवेल एनर्जी, टेक्सटाइल्सस, आईटी, इलेक्ट्रानिक्स और डिफेंस...

Update:2020-06-23 00:36 IST

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग, सिविल एविएशन, टूरिज्म, एग्रो एण्ड फूड प्रोसेसिंग, रिन्यूवेल एनर्जी, टेक्सटाइल्सस, आईटी, इलेक्ट्रानिक्स और डिफेंस एण्ड एयरोस्पेश के क्षेत्र में निवेशक विशेष रूचि प्रकट कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सीआईआई के तत्वावधान में होरासिस द्वारा ऑननलाइन आयोजित शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। इस शिखर सम्मेल का शुभारम्भ रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किया।

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इस अवसर पर 44 देशों के प्रतिनिधि पैनेल डिस्कसन में शामिल थे। होरासिस अन्तर्राष्ट्रीय इकोनाॅमिक फोरम है। होरासिस सार्वजनिक और निजी संस्थाओं को रणनीतिक दूरदर्शिता प्रदान करता है, जो वैश्विक स्तर पर विकसित होने की परिकल्पना करते हैं। इसमें उद्यमियों और सरकार के प्रमुख सहित सार्वजनिक हस्तियां शामिल हैं।

सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से उत्तर प्रदेश की पूरे विश्व में ब्रांडिंग होगी और इससे निवेश लाने में आसानी होगी। उत्तर प्रदेश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का कार्य किया जा रहा है। श्रमिकों एवं उद्योगों के विकास हेतु लेबर रिफार्म लागू किया गया है। एमएसएमई की स्थापना हेतु 72 घण्टे के भीतर एनओसी उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। चीन के मुकाबले उत्पादों के दाम कम करने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

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सुविधाओं को मजबूत बनाया गया

निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने एफकोन्स के प्रबंध निदेशक परमशिव श्रीनिवासन द्वारा उत्तर प्रदेश में सकल घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी चाही। जीडीपी को बढ़ाने के लिए कन्सलटेंट्स की नियुक्ति जारी किया गया है। इसके अलावा सकल घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के रिफार्म लागू किया गये है। अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत बनाया गया है। बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल, तथा गंगा एक्सप्रेस-वे और जेवर एअर पोर्ट के निर्माण से औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में लाॅजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग पालिसी में भी बदलाव किया गया है।

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सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी आने के पहले प्रदेश में सेनेटाइजर, पीपीईकिट आदि का निर्माण नहीं होता था। लेकिन राज्य सरकार सकारात्मक पहल के फलस्वरूप प्रदेश में सेनेटाइजर बनाने की 99 नई यूनिट क्रियाशाील हुई। पीपीईकिट बनाने वाली 53 इकाई पूरी क्षमता के साथ उत्पादन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी चीजें दर्शाती हैं कि उत्तर प्रदेश कितनी तेजी के साथ नई टेक्नालाॅजी को अपनाने के लिए तैयार है। खादी एवं ग्रामोद्योग द्वारा 50 करोड़ मास्क बनाने की कार्य कराया जा रहा है।

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