Kushinagar News: झाड़ियों में मिला लावारिस नवजात शिशु, लेने के लिए उमड़ी भीड़

Kushinagar News Today: कुशीनगर जनपद में एक अभागिन मां ने अपने जन्मते शिशु को झाड़ियों में फेंककर मानवता को शर्मसार कर दिया है।

Update: 2022-09-13 13:37 GMT

कुशीनगर: झाड़ियों में मिला लावारिस नवजात शिशु, लेने के लिए उमड़ी भीड़

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Kushinagar News: कुशीनगर जनपद में एक अभागिन मां ने अपने जन्मते शिशु को झाड़ियों में फेंककर मानवता को शर्मसार कर दिया है। रामकोला थाना क्षेत्र (Ramkola police station area) के कुस्महा गांव के रगड़गंज टोले के पास नहर के पुल के निकट कल रात्रि नौ बजे के झाड़ियों में एक शिशु की रोने की आवाज सुनाई दी। कुछ दूरी पर रहने वाले दलित बस्ती के लोग आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और शिशु को अपने घर ले आये।

सूचना पर पहुंची रामकोला पुलिस नवजात शिशु को इलाज हेतु रामकोला लाई। जहां पर चिकित्सकों ने उसका इलाज कर चाइल्ड लाइन केयर के टीम सुदुर्प करते हुए जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए भेज दिया। शिशु को लेकर पालने हेतु भारी संख्या में लोग सीएचसी पर पहुंच गए। लेकिन नियम कानून के आगे बेबस थे।


नवजात शिशु को देखकर ललिता का ममत्व जाग उठा

रामकोला थाना क्षेत्र के रगड़गंज टोले के पास एक नहर के किनारे सोमवार रात को नरकट की झाड़ियों में एक शिशु लावारिस अवस्था में फेंका गया था। शिशु की रोने की आवाज सुनकर रगड़गंज निवासी ललिता पत्नी पप्पू अन्य महिलाओं के साथ झाड़ी के पास पहुंच गई। नवजात शिशु को देखकर ललिता का ममत्व जाग उठा और उसे अपने घर उसे ले आई । पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंचकर शिशु को इलाज हेतु सीएचसी रामकोला भर्ती कराया।

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शेष कुमार विश्वकर्मा व उनकी टीम ने इलाज किया। जहां शिशु का वजन एवं अन्य गतिविधियां सामान्य पाई गई। सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन केयर की टीम शिशु को अपने साथ ले गए। सीएचसी के प्रभारी डाक्टर शेष कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि चाइल्ड लाइन केयर की देखरेख में शिशु को जिला अस्पताल रेफर किया गया है । रामकोला एसएचओ नीरज कुमार राय ने बताया कि नवजात शिशु को चाइल्ड लाइन केयर को सुदुर्प कर दिया गया है। यदि किसी भी व्यक्ति के पास शिशु के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी मिलती है तो वह पुलिस को अवश्य सूचित करे।



 शिशु के रोने की आवाज सुनकर जाग उठी ललिता की ममता

जनपद के रामकोला थाना क्षेत्र के कुस्महा के रगड़गंज की रहने वाली दलित समुदाय की ललिता देवी का ममत्व उस समय जाग उठा जब वह झाड़ियों में शिशु की आवाज सुनी। उसने अपने पड़ोस की महिलाओं के साथ झाड़ियों की तरफ चल दी ।शिशु के मिलते ही वह अपने सीने से लगा ली और कहने लगी ईश्वर ने मुझ जैसे वेऔलाद को एक लाल दे दिया । ललिता देवी रात भर शिशु की देखरेख यथाशक्ति करती रही। लावारिस शिशु को अपना बेटा मानकर सीएचसी में पुलिस के साथ इलाज करवाने में तल्लीन हो गई ।

चाइल्ड लाइन केयर की टीम पहुंचने से ललिता के आशाएं धूमिल होने लगी। नवजात शिशुओं को प्राप्त करने का सरकार की एक संस्था का गाइड लाइन होता है जिसके तहत शिशु पाने के लिए संस्था के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाए जाते हैं। सभी टर्म कंडीशन पूरा करने के बाद वरीयता क्रम को देखते हुए शिशु दिया जाता है। ललिता को यह नियम कानून पता नहीं है फिर भी वह मातृत्व प्रेम से अभिभूत होकर शिशु को बचाने के लिए सीएचसी रामकोला से लेकर जिला अस्पताल तक शिशु के साथ रही।

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